Edited By Ekta, Updated: 14 Jun, 2019 10:24 AM
देवभूमि कुल्लू में देश-विदेश के पर्यटक यहां की मनोहर वादियों का दीदार करने के लिए पहुंच रहे हैं। ब्यास कुंड से निकलने वाली नदी की शांत जलधारा को देखकर हर किसी का मन इसके शीतल जल से अठखेलियां करने का होता है। लेकिन यह कभी कभार पर्यटकों को मुश्किल में...
कुल्लू (मनमिंदर): देवभूमि कुल्लू में देश-विदेश के पर्यटक यहां की मनोहर वादियों का दीदार करने के लिए पहुंच रहे हैं। ब्यास कुंड से निकलने वाली नदी की शांत जलधारा को देखकर हर किसी का मन इसके शीतल जल से अठखेलियां करने का होता है। लेकिन यह कभी कभार पर्यटकों को मुश्किल में डाल देता है। पर्यटक बेखौफ होकर पानी के बीच सेल्फी और फोटो खींच रहे हैं। पर्यटक इन दिनों औट से लेकर मनाली तक कई प्वाइंटों पर नदी के बीच मस्ती करने उतर रहे हैं। लेकिन ब्यास की जलधारा में यह मस्ती भारी भी पड़ सकती है। हालांकि इससे पहले भी पानी की जलधारा बढ़ने से कई पर्यटकों के साथ हादसे भी पेश आ चुके हैं। इसके बावजूद पर्यटकों ने हादसों से सबक नहीं लिया है।
पर्यटक बेखौफ होकर नदी में फोटो खींचने व मस्ती के लिए उतर रहे हैं। बजौरा से मनाली, पार्वती घाटी में नदी के किनारे पर्यटकों को देखा जा सकता है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कुल्लू-मनाली में आने वाले पर्यटक भी अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। कुछ साल पहले थलौट में इंजीनियरिंग के 24 छात्रों के बह जाने की घटना ने पूरे देश को ही झकझोर कर रख दिया था। इसके बाद प्रशासन व सरकार ने माना कि नदी की ओर जाने वाले रास्तों को बंद कर देना चाहिए। लेकिन इस पर सही तरीके से अमल नहीं हुआ, जिसका नतीजा यह है कि पर्यटक अब नदी में उतर रहे हैं। गौर रहे कि पिछली सर्दी में बर्फबारी अधिक रही।
प्रचंड गर्मी पड़ते ही अब ग्लेशियरों के पिघलने की रफ्तार तेज हो रही है। ब्यास और पार्वती नदी, तीर्थन नदियों में आजकल पानी का बहाव तेज हो गया है। पानी का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है। बाहर से आने वाले पर्यटक भी यहां पर नदी के बहाव को जल्दी भांप नहीं पाते, जो हादसों का कारण बन जाता है। ऐसे में यह जरूरी है कि ब्यास व पार्वती नदी में पर्यटकों के साथ होने वाली घटनाओं को रोकन के लिए उन्हेें इस खतरे से पहले ही अवगत करवाया जाए। राजस्थान से आए पर्यटक मुकेश का कहना है कि 50 डिग्री तापमान में रहना और हिमाचल के 20 डिग्री तापमान में जमीन आसमान का अंतर है। हालांकि नदी के पानी का बहाव जरूर तेज है लेकिन वह इन्हीं चीजों के लिए यहां आए हैं और नदी में खूब मस्ती कर रहे हैं।