Edited By Ekta, Updated: 14 May, 2019 02:03 PM
प्रतिस्पर्धा के इस दौर में विद्यार्थियों पर जहां बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव निरंतर बढ़ता जा रहा है तो वहीं भागदौड़ भरे इस व्यस्त विद्यार्थी जीवन में खानपान को तवज्जो न देकर समय बचाने के चक्कर में विद्यार्थियों द्वारा जंक फूड को प्राथमिकता दी जा रही...
स्वारघाट (पवन): प्रतिस्पर्धा के इस दौर में विद्यार्थियों पर जहां बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव निरंतर बढ़ता जा रहा है तो वहीं भागदौड़ भरे इस व्यस्त विद्यार्थी जीवन में खानपान को तवज्जो न देकर समय बचाने के चक्कर में विद्यार्थियों द्वारा जंक फूड को प्राथमिकता दी जा रही है। जिह्वा की स्वादपूर्ति एवं पेट की आग को शांत करने के लिए पौष्टिक भोजन की लंबी प्रक्रिया से बचने के लिए विद्यार्थियों द्वारा फास्ट फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स, बर्गर, नूडल्स, मैगी, मोमो व पिज्जा इत्यादि को प्रमुखता दी जा रही है, जिससे उनमें मोटापे के साथ-साथ आक्रामकता व असंयमितता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो विद्यार्थियों को यह समझना होगा कि फास्ट फूड से उनकी कार्यक्षमता व स्मरण शक्ति क्षीण हो रही है तो वहीं इससे मोटापा व मधुमेह इत्यादि बीमारियों को भी बल मिल रहा है। क्षणिक तौर पर भले ही फास्ट फूड को खाकर बेहतर महसूस हो रहा है पर दीर्घकालीन दृष्टि से ये पदार्थ सेहत को जाने-अनजाने में भी नुक्सान पहुंचा रहे हैं, जिनसे विद्यार्थियों को अवगत करवाना अति आवश्यक है।