Edited By Kuldeep, Updated: 09 Aug, 2024 10:03 PM
लुहरी व सुन्नी जलविद्युत परियोजना के प्रभावितों ने शुक्रवार को शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अपना दुखड़ा सुनाया। मुख्यमंत्री से पूर्व विधायक राकेश सिंघा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल मिला, जिसमें उन्होंने अपनी विभिन्न मांगों से...
शिमला (योगराज): लुहरी व सुन्नी जलविद्युत परियोजना के प्रभावितों ने शुक्रवार को शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अपना दुखड़ा सुनाया। मुख्यमंत्री से पूर्व विधायक राकेश सिंघा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल मिला, जिसमें उन्होंने अपनी विभिन्न मांगों से उन्हें अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। सीएम ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश के लोगों के हितों की अनदेखी की, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को उनका हक दिलाने के लिए हरसम्भव प्रयास कर रही है।
रॉयल्टी पर नहीं बनी सहमति तो विद्युत परियोजनाओं का सरकार करेगी अधिग्रहण
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) कंपनी सरकार द्वारा मांगी गई राॅयल्टी प्रतिशतता पर सहमत नहीं होती है तो सरकार प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए 210 मैगावाट लुहरी जलविद्युत परियोजना चरण-1 और 66 मैगावाट धौलासिद्ध विद्युत परियोजना तथा 382 मैगावाट सुन्नी विद्युत परियोजना का अधिग्रहण करेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में 50,000 से अधिक आय वाले संपन्न परिवारों से 100 रुपए प्रति कनैक्शन लिया जाएगा शुल्क
मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जलशक्ति विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में 50,000 से अधिक आय वाले संपन्न परिवारों से 100 रुपए प्रति कनैक्शन शुल्क लेगा तथा इस निर्णय से समाज के कमजोर वर्ग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। राज्य सरकार ने विधवाओं, एकल नारी, विकलांगों, बीपीएल परिवारों व अनाथों आदि को इस शुल्क से छूट दी है। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से उनके जल उपयोग के अनुसार शुल्क लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस मानसून सीजन में हुए नुक्सान की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य को अब तक 900 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है और प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए राज्य को केंद्र सरकार से कोई भी वित्तीय सहायता नहीं मिली है।