Edited By Jyoti M, Updated: 03 Sep, 2024 09:29 AM
ऊना जिला प्रशासन ने सामर्थ्य कार्यक्रम के तहत गरीब परिवारों की बच्चियों को उच्च शिक्षा के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। पहले चरण में 25 लड़कियों की संख्या सीमा को अब असीमित कर दिया गया है। इस कदम से अधिक से अधिक...
ऊना। ऊना जिला प्रशासन ने सामर्थ्य कार्यक्रम के तहत गरीब परिवारों की बच्चियों को उच्च शिक्षा के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। पहले चरण में 25 लड़कियों की संख्या सीमा को अब असीमित कर दिया गया है। इस कदम से अधिक से अधिक बच्चियों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
इस योजना के तहत लाभ पाने की पात्रता उन लड़कियों के लिए है जिनके पिता का निधन हो चुका है या जो 70 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग हैं। इसके अलावा, प्रार्थी का बारहवीं के बाद किसी संस्थान में उच्चतर शिक्षा के लिए दाखिला हुआ होना चाहिए, और उनके परिवार की वार्षिक आय 50 हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
यह भी शर्त है कि उन्होंने किसी अन्य योजना का लाभ न लिया हो। लाभार्थी ऊना जिले की स्थाई निवासी होनी चाहिए। अधिक जानकारी के लिए उपायुक्त कार्यालय के कमरा नंबर 413 में संपर्क किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, प्रशासन ने गरीब परिवारों की बच्चियों के लिए नीट और यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी हेतु 1 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता का भी प्रावधान किया है। उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि यह पहल गरीब परिवारों की बच्चियों के उच्च शिक्षा के सपनों को साकार करने में सहायक होगी। सामर्थ्य कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं, महिलाओं, और समाज के विभिन्न वर्गों को सशक्त बनाना और सामुदायिक विकास को बढ़ावा देना है।