Edited By Vijay, Updated: 16 Mar, 2024 11:06 PM
हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनीष गर्ग ने शनिवार को स्पष्ट किया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से अब राज्य सरकार की ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना' में नए लाभार्थियों को नहीं जोड़ा जा सकता है।
शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनीष गर्ग ने शनिवार को स्पष्ट किया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से अब राज्य सरकार की ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना' में नए लाभार्थियों को नहीं जोड़ा जा सकता है। राज्य की कांग्रेस सरकार ने बृहस्पतिवार को इस योजना के तहत 18 से 59 आयु वर्ग की महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह देने की अधिसूचना जारी की थी। गर्ग ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान स्पष्ट किया कि लोकसभा और राज्य की 6 विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा के मद्देनजर लागू आदर्श आचार संहिता की वजह से योजना के तहत नए लाभार्थियों को नहीं जोड़ा जा सकता है। उन्होंने यह स्पष्टीकरण ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना' और इसे लेकर जारी अधिसूचना पर पूछे गए सवाल पर दिया।
निर्वाचन आयोग ने शनिवार को दिल्ली में आम चुनाव के तरीखों की घोषणा की। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चार मार्च को घोषणा की थी कि उनकी सरकार महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह देगी और कहा कि इस पहल पर 800 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जिससे सालाना पांच लाख से अधिक महिलाओं को लाभ होगा। गर्ग ने यह भी कहा कि 1500 रुपए मासिक पेंशन पाने के लिए आवेदन भी नहीं भरा जा सकता क्योंकि आवेदन पत्र पर मुख्यमंत्री की तस्वीर है। महिलाओं को मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करना हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा दी गई 10 ‘गारंटी' में से एक है।
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