Edited By Vijay, Updated: 28 Aug, 2024 12:16 PM
पवित्र मणिमहेश यात्रा के छोटे न्हौण (स्नान) में उमड़ी श्रद्धालुओं की अथाह भीड़ के आगे हड़सर से मणिमहेश तक के पैदल रास्ते भी छोटे पड़ गए। श्रद्धालुओं को एक कदम आगे बढ़ाने के लिए 5 से 10 मिनट का इंतजार करना पड़ रहा है।
चम्बा (काकू चौहान): पवित्र मणिमहेश यात्रा के छोटे न्हौण (स्नान) में उमड़ी श्रद्धालुओं की अथाह भीड़ के आगे हड़सर से मणिमहेश तक के पैदल रास्ते भी छोटे पड़ गए। श्रद्धालुओं को एक कदम आगे बढ़ाने के लिए 5 से 10 मिनट का इंतजार करना पड़ रहा है। इस तरह श्रद्धालु घंटों रास्ते में फंस रहे हैं। श्रद्धालुओं को 2 से 3 घंटे का रास्ता 10 से 12 घंटे में तय करना पड़ रहा है। बड़ी बात यह है कि हड़सर से आगे पुलिस-प्रशासन द्वारा किए गए इंतजाम बौने साबित हो रहे हैं। चुनिंदा पुलिस कर्मियों के सहारे भीड़ को नियंत्रित करना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। सोमवार को जन्माष्टमी पर्व के छोटे स्नान के लिए डल झील पहुंचे लाखों श्रद्धालु वापस लौटते समय अलग-अलग स्थानों पर रास्ते में फिसलन के कारण फंस गए।
उफनते नाले को करना पड़ा पार
जमाड़ू-गौरीकुंड मार्ग पर सुंदरासी के सामने एकाएक लोगों की भीड़ जमा हो गई। शाम करीब 2 बजे बीच रास्ते पर लोगों का जमावड़ा लग गया। जो जहां खड़े थे, वहीं फंस गए। कुछ लोग रास्ते से हटकर यहां-वहां रास्ते के किनारे बैठकर रास्ता खुलने का इंतजार करने लगे, लेकिन जब करीब 3 घंटे तक कोई मूवमैंट नहीं हुई तो लोगों वहां से हटकर वैकल्पिक रास्ते ढूंढने लग पड़े। कुछ लोग उफनते नाले के पास पहुंच गए और जान जोखिम में डालकर पत्थरों के ऊपर से नाला पार करना शुरू कर दिया। इस दौरान एक व्यक्ति के नाले में बहने की अफवाह भी फैल गई। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। वहीं कुछ लोग कंटीली झाड़ियों व पहाड़ियों के ऊपर से आगे बढ़ने लगे। इस तरह कुछ भीड़ छंटने से रास्ते में खड़े लोग गंतव्य की ओर निकलने लगे, लेकिन एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में बहसबाजी भी हुई और माहौल खराब होने की स्थिति पैदा हो गई। लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा। ऐसे में कुछ लोगों ने फंसे हुए लोगों को एक लाइन में खड़ा कर धीरे-धीरे आगे बढ़ने का आग्रह किया। इस तरह लोग 6 से 7 घंटे बाद धनछो पहुंच गए। यह रास्ता आधिकारिक रूप से यात्रा के लिए प्रतिबंधित है। इस रास्ते पर न तो कोई प्रशासनिक अधिकारी और न ही पुलिस कर्मी तैनात होता है। वहीं इस रास्ते पर न तो पानी मिलता है और न ही कोई लंगर होता है। इस कारण श्रद्धालुओं को भूखे-प्यासे मुश्किलें उठानी पड़ीं।
दुनाली पुल पर रातभर फंसे रहे श्रद्धालु
दुनाली पुल पर रातभर हजारों श्रद्धालु फंसे रहे। डल झील में स्नान करने के बाद लौटे श्रद्धालु यहां एकत्रित हो गए, वहीं दूसरी तरफ डल झील जा रहे श्रद्धालु भी यहां एकत्रित हो गए। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कुछ समय के लिए आवाजाही बंद कर दी गई। न तो श्रद्धालुओं को वापस हड़सर आने दिया गया और न ही डल झील जाने की अनुमति मिली, इससे श्रद्धालुओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ श्रद्धालु वापस धनछो लौट गए। प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस मौके पर भेजकर आवागमन सुचारू किया। रात 9 बजे से लेकर मंगलवार सुबह करीब 4 बजे तक रैस्क्यू ऑप्रेशन जारी रहा।
एसपी ने मौके पर पहुंचकर लिया स्थिति का जायजा
हड़सर-दुनाली मार्ग पर यात्रियों के फंसने की सूचना मिलते ही एसपी अभिषेक यादव अपनी टीम सहित मौके के लिए रवाना हुए। उन्होंने जगह-जगह स्थिति का जायजा लिया और यात्रा को सुचारू करवाया। इस दौरान यात्रियों ने एसपी को समस्या से अवगत भी करवाया। एसपी अभिषेक यादव ने बताया कि इस बार भीड़ कई गुना ज्यादा होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। लगभग सभी यात्रियों को निकाल दिया गया है। एसडीएम भरमौर कुलबीर राणा ने बताया कि भीड़ को देखते हुए मंगलवार को डल झील की तरफ जाने वाले यात्रियों को हड़सर में रोक दिया था। करीब 12 बजे के बाद उन्हें आगे की यात्रा के लिए रवाना किया। वहीं डल झील से वापस लौटे अधिकतर यात्री अपने गंतव्य तक पहुंच चुके हैं। अब जो रास्ते में हैं, वे बुधवार तक गंतव्य तक पहुंच जाएंगे।
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