Edited By Punjab Kesari, Updated: 02 Feb, 2018 05:57 PM
प्रदेशभर के अस्पतालों में चिकित्सकों द्वारा जैनरिक दवाइयां न लिखने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा 243 चिकित्सकों को नोटिस भेजे गए हैं.....
मंडी: प्रदेशभर के अस्पतालों में चिकित्सकों द्वारा जैनरिक दवाइयां न लिखने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा 243 चिकित्सकों को नोटिस भेजे गए हैं जिनमें 71 चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस व 142 चिकित्सकों को चेतावनी नोटिस जारी किए हैं। इसके साथ ही 2 चिकित्सकों की सरकार को कार्रवाई के लिए सूचना दे दी गई है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी मरीजों को पर्ची पर ब्रांडेड दवा लिखने की मनाही की गई है। यदि कोई चिकित्सक ब्रांडेड दवाई लिखता है तो उसे अस्पताल के एम.एस., सी.एम.ओ. व स्वास्थ्य निदेशक तक को जवाब देना पड़ेगा। स्वास्थ्य विभाग की टीम कभी भी किसी अस्पताल का औचक निरीक्षण कर सकती है जिस दौरान चिकित्सक की लिखी पर्ची का निरीक्षण किया जाएगा। उसमें यदि चिकित्सक द्वारा जैनरिक दवाई नहीं लिखी गई होगी तो उस चिकित्सक को विभाग द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा।
ऑडिट में 18 से ऊपर होने चाहिए नंबर
स्वास्थ्य विभाग द्वारा पर्ची के ऑडिट के लिए 12 प्वाइंट निर्धारित किए गए हैं, जिसमें प्रत्येक प्वाइंट के 2 नंबर हैं। यदि उसमें चिकित्सक के नंबर 18 से ऊपर हैं तो वह नॉर्मल है। यदि 12 से 18 के बीच में हैं तो वह अद्र्धसंगत व यदि 12 से कम नंबर हैं तो उसे तर्कहीन माना जाएगा। इसके बाद उस चिकित्सक को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
सोलन जिला के चिकित्सकों को सबसे अधिक नोटिस
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कारण बताओ व चेतावनी के सबसे अधिक नोटिस जिला सोलन के चिकित्सकों को जारी किए गए हैं जो फार्मा कंपनियों के ज्यादा संपर्क में बताए जा रहे हैं। सोलन में 91, कांगड़ा में 70, कुल्लू में 60, ऊना में 8, मंडी में 7, बिलासपुर में 4, चम्बा में एक, शिमला में एक व हमीरपुर में एक चिकित्सक को नोटिस जारी किए गए हैं।
डी.एच.एस. ने खुद संभाला मोर्चा
जैनरिक दवाइयां न लिखने पर अब डायरैक्टर हैल्थ सर्विसिज डा. बलदेव ठाकुर ने स्वयं मोर्चा संभाल लिया है जिसके तहत वह स्वयं हर जिला में जाकर चिकित्सकों को जैनरिक दवाइयां लिखने के निर्देश दे रहे हैं ताकि मरीजों को अस्पताल में उपलब्ध दवाइयां मिल सकें। अपने दौरे के दौरान शुक्रवार को डी.एच.एस. बलदेव ठाकुर ने जोनल अस्पताल मंडी में चिकित्सकों को जैनरिक दवाइयां लिखने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि जिन चिकित्सकों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनकी काऊंसलिंग की जा रही है ताकि वे आगे से मरीजों को जैनरिक दवाइयां लिखें। इसके लिए हर जिला में जाकर चिकित्सकों को जागरूक कर जानकारी दी जा रही है।