सैनिक कल्याण मंत्री बोले-किस्मत वालों को मिलता है सेना से लड़ाई में जाने का मौका

Edited By Vijay, Updated: 16 Dec, 2018 05:07 PM

gets the chance to go in battle from the army by fates

पूर्व सैनिक कल्याण समिति ने 16 दिसम्बर, 1971 भारत-पाकिस्तान विजय दिवस धूमधाम से मनाया, जिसमें प्रदेश सैनिक कल्याण मंत्री सिंह महेंद्र ठाकुर मुख्यातिथि के तौर पर उपस्थित हुए जबकि विधायक जीत राम कटवाल व बिटिया फाऊंडेशन की प्रदेशाध्यक्ष सीमा सांख्यान...

बरठीं: पूर्व सैनिक कल्याण समिति ने 16 दिसम्बर, 1971 भारत-पाकिस्तान विजय दिवस धूमधाम से मनाया, जिसमें प्रदेश सैनिक कल्याण मंत्री सिंह महेंद्र ठाकुर मुख्यातिथि के तौर पर उपस्थित हुए जबकि विधायक जीत राम कटवाल व बिटिया फाऊंडेशन की प्रदेशाध्यक्ष सीमा सांख्यान वरिष्ठ अतिथि के तौर पर उपस्थित रहीं। इस अवसर पर डिप्टी डायरैक्टर राज्य सैनिक बोर्ड के.एस. अत्री ने कहा कि प्रथम व द्वितीय विश्वयुद्ध में सेवाएं दे चुके पूर्व सैनिकों के परिजनों को किन्हीं खामियों की वजह से पैंशन की सुविधा नहीं मिल पाई है उनके लिए प्रदेश सरकार ने पंचायत या किन्हीं 2 पूर्व सैनिकों द्वारा प्रमाणित जन्म प्रमाण पत्र व शपथ पत्र राज्य सैनिक बोर्ड को सैनिक वैल्फेयर के माध्यम से भेजे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 3 हजार रुपए पैंशन स्वीकृत की जा चुकी है तथा अभी तक कोई भी प्रमाण पत्र बोर्ड को प्राप्त नहीं हुआ है।

भारत-पाक युद्ध में हिमाचल के 190 सैनिकों ने दिया बलिदान

पूर्व सैनिक समिति के प्रदेशाध्यक्ष सूबेदार प्रकाश चंद ने कहा कि भारत-पाक युद्ध 14 दिनों तक चला तथा इसमें देश के 3,843 जबकि हिमाचल के 190 सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा करते-करते अपने प्राणों की आहुति दी जबकि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 97, 368 सैनिक बंदी बनाए जबकि 4,350 सैनिकों को जख्मी किया। 20 हजार सैनिकों को मौत के घाट उतारा गया। इस युद्ध में प्रदेश के सैनिकों को 24 वीर चक्र, 2 महावीर चक्र, एक शौर्यचक्र, 2 पी.वी.एस.एम. व 6 सेना मैडल प्राप्त हुए।

सैनिक के रूप में दी सेवाओं को किया सांझा

इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि उनका फौजी के रूप में कार्यकाल बहुत ही अनुभवपूर्ण रहा है तथा उन्होंने पूर्व सैनिकों को अपनी सैनिक के रूप में दी गई सेवाओं को सांझा किया। उन्होंने कहा कि सैनिक का जीवन बहुत ही अनुशासनात्मक जीवन होता है तथा पूर्व सैनिकों को देश की सेवा के साथ-साथ अपने परिजनों की भी चिंता करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों ने अपना बहुत सारा जीवन देश सेवा में लगाया है तथा सेना से सेवानिवृत्त होने पर समाजसेवा में अपना जीवन लगाएं। उन्होंने कहा कि सेना से लड़ाई पर जाने का मौका हरेक को नहीं मिलता यह केवल किस्मत वालों को ही मिलता है।

प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे 3 कोचिंग सैंटर

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्व सैनिकों व हिमाचल के बच्चों को सेना में जाने के लिए तैयार करने के लिए 3 कोचिंग सैंटर एक मंडी, एक बिलासपुर व एक ऊना में स्वीकृत किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विधानसभा में हिमालयन रैजीमैंट बनाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया है ताकि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को देश की सेवा करने का मौका मिले। उन्होंने स्कूल के लिए एक हैंडपंप 15 दिनों के भीतर लगाने की घोषणा की तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए 15 हजार रुपए देने की घोषणा की। वहीं इस अवसर पर स्थानीय विधायक जीत राम कटवाल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर करीब 100 पूर्व सैनिकों ने भाग लिया।

समारोह में इन्हें किया सम्मानित

इस अवसर पर वीर चक्र विजेता कैप्टन रूप लाल, शौर्य चक्र विजेता मेजर राकेश शर्मा, कैप्टन योगेंद्र पाल, बी.आर. भाटिया, सूबेदार हरि सिंह, हवलदार कुलदीप, हवलदार प्रकाश चंद, हवलदार सुशील कुमार, हवलदार मनोज कुमार, हवलदार लच्छु राम, हवलदार देसराज, हवलदार ओंकार सिंह, हवलदार जीत राम मन्हास, सूबेदार बलदेव शर्मा, वीरनारियों में करमी देवी, रत्नी देवी, मीरा देवी, सरवनो देवी, राजो देवी व कैप्टन अंतराम को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अल्फा पब्लिक स्कूल के बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

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