Edited By Vijay, Updated: 25 Oct, 2023 09:26 PM
मुख्यमंत्री के पिछले 22 अक्तूबर के बिलासपुर दौरे के समय कांग्रेस पार्टी के लोगों द्वारा मचाई गई भगदड़ और कथित अनुशासनहीनता से सबक लेकर जिला प्रशासन ने इस बार भारी पुलिस सुरक्षा बंदोबस्त किया था।
बिलासपुर (राम सिंह): मुख्यमंत्री के पिछले 22 अक्तूबर के बिलासपुर दौरे के समय कांग्रेस पार्टी के लोगों द्वारा मचाई गई भगदड़ और कथित अनुशासनहीनता से सबक लेकर जिला प्रशासन ने इस बार भारी पुलिस सुरक्षा बंदोबस्त किया था। पुलिस ने लुहणू मैदान के हैलीपैड पर मुख्यमंत्री के आने व जाने के समय तथा कार्यक्रम स्थल पर अप्रत्याशित संख्या में भारी पुलिस फोर्स तैनात की थी।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मुख्यमंत्री के आगमन समय कुछेक पत्रकारों के सिवा किसी अन्य को हैलीपैड के मुख्य द्वार से आगे नहीं बढ़ने दिया, उन्हें मुख्य द्वार पर ही रोक दिया गया। यह व्यवस्था इतनी उच्च स्तर की थी कि पुलिस अधिकारियों ने हैलीपैड के मुख्य द्वार पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर को भी मुख्य द्वार से आगे नहीं जाने दिया जबकि रामलाल ठाकुर बाद में समारोह स्थल से भी अनुपस्थित रहे। वहीं पूछे जाने पर रामलाल ठाकुर ने कहा कि उन्हें भी भारी आश्चर्य है कि उन्हें मुख्य द्वार से आगे क्यों जाने नहीं दिया गया। वह चुपचाप वापस लौट गए क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि मुख्यमंत्री जैसे नेता के विरुद्ध किसी प्रकार का कोई विवाद हो।
उधर, प्रत्यक्षदर्शियों ने यह भी कहा कि इससे बिल्कुल विपरीत यह बात भी सभी को अचंभित कर गई कि जिन पुलिस अधिकारियों ने रामलाल ठाकुर को आगे नहीं जाने दिया, कांग्रेस के एक पदाधिकारी को उनके साथ अन्य साधारण साथियों के साथ बिना रोक-टोक के मुख्य द्वार से आगे जाने दिया गया। उधर, एसपी डाॅ. कार्तिकेयन गोकुल चंद्रन ने इस संबंध में कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना किया।
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