Edited By Ekta, Updated: 02 Jul, 2019 02:49 PM
''मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। यह कहावत हिमाचल के मंडी जिला की रीना ठाकुर पर सटीक बैठती है। रीना के पिता वन रक्षक थे और इन्हीं से प्रेरणा लेकर वह आज वन विभाग में रेंज वन...
मंडी: 'मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। यह कहावत हिमाचल के मंडी जिला की रीना ठाकुर पर सटीक बैठती है। रीना के पिता वन रक्षक थे और इन्हीं से प्रेरणा लेकर वह आज वन विभाग में रेंज वन अधिकारी बन गई। पनारसा गांव की रीना ने बचपन से सपना देखा और इसे पूरा भी किया। पनारसा (औट) के स्व. अमर सिंह वन रक्षक थे। उसकी बेटी बचपन में उन्हें ड्यूटी करते देखती थी।
बस उसी दिन से उसने ठान लिया कि एक दिन वो वन विभाग में अफसर बनेंगी। उसने डॉ. यशवंत सिंह बागवानी विश्वविद्यालय नौणी सोलन से बागवानी स्नातक की पढ़ाई की। स्नातक की पढ़ाई के बाद रीना नगवाईं स्कूल में बतौर वीटी कृषि अध्यापक के पद पर तैनात है। इसी बीच वे परीक्षा की तैयारी भी कर रहती रही। रीना ने परीक्षा की तैयारी के लिए किसी तरह की कोचिंग नहीं ली। घर पर खाली समय में पढ़ाई करती रही। इस मुकाम को हासिल करने में परिजनों, शिक्षकों और दोस्तों का पूरा सहयोग मिला।