UGC ने बदले नियम, काॅलेजों को रैगुलर शिक्षकों के 75 प्रतिशत पद भरने पर मिलेगी ग्रांट

Edited By Vijay, Updated: 28 Jan, 2024 05:54 PM

colleges to get grant for filling 75 percent posts of regular teachers

काॅलेजों को अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से ग्रांट हासिल करने के लिए तय नियमों के तहत शिक्षकों की भर्ती करनी होगी। ग्रांट के लिए आवेदन करते समय संबंधित काॅलेज में स्वीकृत पदों में से 75 प्रतिशत पद नियमित शिक्षकों से भर्ती करना अनिवार्य किया...

शिमला (अभिषेक): काॅलेजों को अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से ग्रांट हासिल करने के लिए तय नियमों के तहत शिक्षकों की भर्ती करनी होगी। ग्रांट के लिए आवेदन करते समय संबंधित काॅलेज में स्वीकृत पदों में से 75 प्रतिशत पद नियमित शिक्षकों से भर्ती करना अनिवार्य किया है। इसे लेकर यूजीसी ने ड्राफ्ट जारी कर दिया है। ड्राफ्ट में यूजीसी ने फिटनैस ऑफ काॅलेज फॉर रिसिविंग ग्रांट रूल्स-2024 तय किए गए हैं और इसको लेकर सुझाव मांगे गए हैं। यूजीसी ने सभी शिक्षाविदों, स्टेकहोल्डर्स व शिक्षण संस्थानों से इस ड्राफ्ट को लेकर 4 मार्च तक सुझाव मांगे गए हैं। सुझाव आने के बाद इन पर गौर कर फिटनैस ऑफ कालेज फॉर रिसिविंग ग्रांट रूल्स-2024 को लेकर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। देश व प्रदेश के कई काॅलेजों में शिक्षकों की कमी है और अब संबंधित काॅलेज में 75 प्रतिशत नियमित शिक्षकों के पद भरने होंगे ताकि यूजीसी से ग्रांट मिलती रहे।

ग्रांट का सही व समय पर इस्तेमाल नहीं किया तो करना होगा रिफंड
ड्राफ्ट के अनुसार यदि कोई कालेज यूजीसी से मिली ग्रांट का सही इस्तेमाल नहीं करेगा तो उसे संबंधित राशि रिफंड करनी होगी। इसके लिए काॅलेजों को अंडरटेकिंग देनी होगी। इससे जिस कार्य के लिए ग्रांट जारी हुई होगी वे कार्य समय पर या फिर उचित तरीके से इस्तेमाल नहीं की गई तो ग्रांट का संबंधित हिस्सा रिफंड करना होगा।

ड्राफ्ट में शामिल अन्य प्रावधानों पर एक नजर
ड्राफ्ट के अनुसार काॅलेजों में कार्यरत शिक्षकों को यूजीसी/राज्य सरकार या रैगुलेटरी अथॉरिटी नियमों/पे-स्केल के अनुसार वेतन देना होगा। काॅलेज में यूजीसी से ग्रांट प्राप्त करने के लिए 3 से अधिक प्रोग्राम की पेशकश करनी होगी और कम से कम 60 प्रतिशत को मान्यता प्राप्त होनी चाहिए। यदि प्रस्तावित प्रोग्रामों की संख्या 3 से कम है, तो हर प्रोग्राम को मान्यता प्राप्त होनी चाहिए। शिक्षकों को यूजीसी वेतनमान या प्रदेश सरकार के मापदंडों का पालन करना होगा, साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की आरक्षण नीति का पालन करना होगा। काॅलेज को एनआईआरएफ रैंकिंग में शामिल होना होगा। यदि उसने 5 बार भाग लिया है तो उसे कम से कम 3 बार रैंकिंग सूची में आना होगा। यदि उसने केवल 3 बार भाग लिया है तो उसे सूची में 2 बार शामिल होना होगा।
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