Edited By Vijay, Updated: 08 Apr, 2024 10:07 PM
ज्योतिष एवं वैदिक पंचांग जिसके आधार पर हिंदू धर्म में काल गणना होती है, के अनुसार साल में कुल 4 नवरात्रों का पर्व पड़ता है। इनमें 2 गुप्त नवरात्रे होते हैं और 2 नवरात्रे शारदीय आश्विन मास में और चैत्र नवरात्रे चैत्र मास में आते हैं। गुप्त नवरात्रों...
राजगढ़ (गोपाल): ज्योतिष एवं वैदिक पंचांग जिसके आधार पर हिंदू धर्म में काल गणना होती है, के अनुसार साल में कुल 4 नवरात्रों का पर्व पड़ता है। इनमें 2 गुप्त नवरात्रे होते हैं और 2 नवरात्रे शारदीय आश्विन मास में और चैत्र नवरात्रे चैत्र मास में आते हैं। गुप्त नवरात्रों को तंत्र साधना के लिए शुभ माना जाता है। वहीं चैत्र और शारदीय नवरात्र गृहस्थ लोग मनाते हैं। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रे आरंभ होते हैं। 9 दिन तक चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधिवत पूजा करने का विधान है।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल को रात्रि 11 बजकर 50 मिनट से शुरू हो रही है, जो 9 अप्रैल को रात 8 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो रही है। इसलिए चैत्र नवरात्रे 9 अप्रैल से आरंभ हो रहे हैं, जो 18 अप्रैल को समाप्त हो रहे हैं।
इस बार घटस्थापना मुहूर्त 9 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 11 मिनट से 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा
अभिजीत मुहूर्त 9 मार्च को दोपहर 12 बजकर 3 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। चैत्र नवरात्रे के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नवरात्रे के दौरान मां भगवती और उनके नौ स्वरूपों की पूजा करने का विधान है। इस बार चैत्र नवरात्रे में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आने वाली है। बता दें कि मां के वाहन का चुनाव दिन के हिसाब से किया जाता है। इस साल चैत्र नवरात्रे मंगलवार को शुरू हो रहे है। इसलिए मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही है। घोड़े में सवार होने का मतलब है कि सत्ता में परिवर्तन। इसके साथ ही साधकों के जीवन में आने वाले हर कष्टों से निजात मिलेगी।