हिमाचल में केंद्र तय करेगा Water Highway Project का भविष्य

Edited By Updated: 22 Feb, 2017 12:16 AM

center will determine the future of water highway project in himachal

हिमाचल में वाटर हाईवे प्रोजैक्ट का भविष्य अब केंद्र तय करेगा। सूबे में वाटर ट्रांसपोर्ट पहली बार इंट्रोड्यूस होगा।

शिमला: हिमाचल में वाटर हाईवे प्रोजैक्ट का भविष्य अब केंद्र तय करेगा। सूबे में वाटर ट्रांसपोर्ट पहली बार इंट्रोड्यूस होगा। इसके लिए अब कंसलटैंट कंपनी ने प्रोजैक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसे मंजूरी के लिए कें द्र सरकार के पास भेजा जाएगा। अगर मंजूरी मिली तो फिर उस सूरत में बड़े जलाशयों में भी यात्री बड़े स्तर पर यात्रा कर सकेंगे। हिमाचल में वाटर हाईवे प्रोजैक्ट के लिए आई मैरी टाइम कं सलटैंट कंपनी पिछले करीब 6 महीने से जलाशयों का निरीक्षण कर प्रोजैक्ट रिपोर्ट तैयार कर रही थी। इस दौरान चमेरा, गोबिंद सागर और कोल डैम के जलाशयों में सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार की गई है। 

कंपनी की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार
बताया जा रहा है कि कंपनी द्वारा टूरिज्म, ट्रांसपोर्ट, फिशिंग और वाटर स्पोटर््स को लेकर फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की गई है। इसके बाद यह रिपोर्ट केंद्र की स्वीकृति के लिए भेजी जाएगी। इसको लेकर 28 फरवरी को केंद्रीय जल परिवहन मंत्रालय के साथ वाटर हाईवे प्रोजैक्ट को लेकर बैठक आयोजित की जाएगी। यदि इसके बाद इसे मंजूरी प्रदान की जाती है तो ऐसे में प्रदेश में वाटर हाईवे के निर्माण के लिए यह बड़ी उपलब्धि साबित होगी। इसकी स्वीकृति के बाद प्रदेश में 30 से 40 सीटर तक वाटर जैट चलाए जाएंगे। 

पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा 
वाटर ट्रांसपोर्ट और वाटर स्पोटर््स की गतिविधियों के चलते पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। कंपनी द्वारा तैयार की गई इस टैक्रो इकोनॉमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट में सभी जलाशयों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई गई है और ऐसे में इस विषय में अब केंद्र द्वारा निर्णय लेना बाकी है। केंद्र इस प्रोजैक्ट रिपोर्ट को बाद में राज्य सरकार को स्वीकृ ति के लिए भेजेगा जिस पर प्रदेश सरकार द्वारा निर्णय लिया जाएगा।

जलाशयों में चलेंगी आधुनिक यात्री बोट 
केन्द्र से स्वीकृति मिलने के बाद प्रदेश के जलाशयों में आधुनिक यात्री बोट, शिकारे, बड़े बोट व ट्रॉलर चलाए जाएंगे। प्रदेश में वाटर ट्रांसपोर्ट की गतिविधियों के बढऩे से पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा और साथ ही वाटर स्पोटर््स की गतिविधियां भी बढ़ेंगी। इसके अलावा प्रदेश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।

क्या कहते हैं परिवहन विभाग के निदेशक
परिवहन विभाग के निदेशक सुनील चौधरी ने बताया कि वाटर हाईवे प्रोजैक्ट को लेकर टैक्रो इकोनॉमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। अब केंद्रीय जल परिवहन मंत्रालय के साथ इस प्रोजैक्ट को लेकर बैठक की जाएगी। इस प्रोजैक्ट को केंद्र की मंजूरी मिली तो यह प्रदेश के लिए बड़ी सफलता साबित होगी। 

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