Edited By Vijay, Updated: 03 Mar, 2024 06:09 PM
हिमाचल से पाकिस्तान जाने वाली चिनाब (चंद्रभागा) नदी का जल बहाव रुक गया है। वर्षों बाद जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में इतना अधिक हिमपात हुआ है। रविवार को भी घाटी में हिमपात का दौर जारी है। भारी हिमपात के बाद लाहौल के कई हिस्सों में हिमस्खलन हुआ है....
मनाली (सोनू): हिमाचल से पाकिस्तान जाने वाली चिनाब (चंद्रभागा) नदी का जल बहाव रुक गया है। वर्षों बाद जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में इतना अधिक हिमपात हुआ है। रविवार को भी घाटी में हिमपात का दौर जारी है। भारी हिमपात के बाद लाहौल के कई हिस्सों में हिमस्खलन हुआ है, हालांकि अभी तक किसी तरह के जानमाल का नुक्सान नहीं हुआ है। हिमस्खलन गिरने से तिन्दी, उदयपुर और जहालमा के समीप चंद्रभागा का बहाव रुक गया है। जानकारी के मुताबिक उदयपुर के समीप टाठा नाला, तिन्दी, और दाराफाल से हिमखंड गिरने से नदी का बहाव पूरी तरह से रुक गया है। वहीं घाटी में 48 घंटों से बिजली गुल है। हिमपात के कारण सभी सपंर्क और मुख्य सड़क मार्ग बंद हैं।
तादी पुल में हिमस्खलन से 4 दुकानें चपेट में आईं
उधर, बीआरओ 70 और 94 आरसीसी ने खराब मौसम के बीच सड़कों से बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया है। भारी हिमपात होने से लाहौल में हिमस्खलन का दौर शुरू हो गया है, जगह-जगह हिमस्खलन हो रहे हैं। तांदी पुल के पास 4 दुकानें हिमस्खलन की चपेट में आ गई हैं। हालांकि जानी नुक्सान नहीं हुआ है, लेकिन दुकानें हिमस्खलन से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। एक अन्य घटना में जोबरंग पुल के पास भी भारी हिमस्खलन हुआ है। हालांकि पुल को कोई नुक्सान नहीं हुआ है, लेकिन हिमस्खलन की घटनाओं से लोग सहम गए हैं। 4 दिन से लाहौल-स्पीति में भारी हिमपात का क्रम जारी है।
क्या कहते हैं लाहौल-स्पीति के डीसी व इतिहासकार
लाहौल-स्पीति के डीसी राहुल कुमार ने बताया कि हिमस्खलन से किसी तरह के जानमाल का नुक्सान नहीं हुआ है। लाहौल-स्पीति में ऊंचाई वाले इलाकों में उच्च तीव्रता के एवलांच गिरने की आशंका जताई गई है। लिहाजा लोगों को एक गांव से दूसरे गांव की तरफ सफर न करने की हिदायत जारी की गई है। लाहौल-स्पीति के इतिहासकार मोहन लाल ने बताया कि चिनाब नदी में हिमस्खलन गिरना नई बात नहीं है लेकिन घाटी में हो रहे भारी हिमपात से चारों और हिमस्खलन गिरने की आशंका बनी हुई है जिससे लोगों में भी खौफ का माहौल है। इससे पहले मार्च 1996 में भी चिनाब नदी का पानी रुका था। तब नदी में जमा हुए हिमस्खलन की बर्फ तेजी से पिघल गई थी व बनी झीलों का पानी तिंदी क्षेत्र को बहा ले गया था।
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