Edited By Punjab Kesari, Updated: 03 Oct, 2017 12:29 PM
चुनाव से ठीक पहले राज्य पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के दर्जनभर कर्मचारी नेताओं के तबादले पर बवाल मच गया है।
शिमला: चुनाव से ठीक पहले राज्य पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के दर्जनभर कर्मचारी नेताओं के तबादले पर बवाल मच गया है। तबादलों से नाराज चल रहे एचआरटीसी के कर्मचारियों ने एमडी अशोक तिवारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारी नेताओं ने निगम के एमडी को तुरंत ट्रांसफर करने की मांग की है। संयुक्त समन्वय समिति के बैनर तले कर्मचारी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और परिवहन मंत्री जीएस बाली से मिलने जा रहे हैं।
12 पदाधिकारियों का तबादला दूरदराज क्षेत्रों में किया
समिति का आरोप है कि एमडी ने प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग को विश्वास में लिए बिना ही जेसीसी के 12 पदाधिकारियों का तबादला दूरदराज क्षेत्रों में कर दिया है। बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पास किया गया। इसमें कहा गया कि कर्मचारियों ने पिछले एक साल में निगम प्रबंधन और राज्य सरकार के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाकर कर्मचारियों की समस्याओं को बातचीत से सुलझाने की पूरी कोशिश की। लेकिन एमडी का अड़ियल रवैया ने हमेशा उनके साथ धोखा किया। डेढ़ साल बाद एमडी ने कर्मचारियों का तबादला कर अपनी भड़ास निकाली है।
रंजिश के चलते दूरदराज के क्षेत्रों में ट्रांसफर करने का आरोप
निगम प्रबंधन ने कर्मचारियों के तबादले के लिए 11 जून 2016 को हुई बीओडी की बैठक का हवाला देकर करीब सभी संगठनों के प्रमुखों को दूरदराज के क्षेत्रों को ट्रांसफर किया है। जिन्हें ट्रांसफर किया गया है, उनमें चालक एवं परिचालक संगठन के देवराज ठाकुर, हरीलाल, तकनीकी संगठन के राजेंद्र ठाकुर, सर्व कर्मचारी संगठन के खेमेंद्र गुप्ता, चालक संगठन के सत्य प्रकाश और पवन गुलेरिया, परिचालक संगठन के नील कमल गुप्ता, खुशाल झामटा, परिवहन मजदूर संघ के जसमेर राणा व कुलदीप कुमार, एटक के नानक शांडिल और इंटक के हरदयाल सिंह शामिल हैं।