Edited By Punjab Kesari, Updated: 25 Nov, 2017 12:01 PM
नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली को जानने के लिए शिमला के हिप्पा में आयोजित की गई दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर संपन्न हो गया है। एमसी पार्षदों की मांग पर आयोजित किए इस प्रशिक्षण कार्यशाला में जहाँ निगम की मेयर कुसुम सदरेट अनुपस्थित रही। वहीं करीब 14...
शिमला(राजीव चौहान): नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली को जानने के लिए शिमला के हिप्पा में आयोजित की गई दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर संपन्न हो गया है। एमसी पार्षदों की मांग पर आयोजित किए इस प्रशिक्षण कार्यशाला में जहाँ निगम की मेयर कुसुम सदरेट अनुपस्थित रही। वहीं करीब 14 वार्ड पार्षद भी नदारद रहे। निगम की हर मासिक बैठक में कार्यशाला की मांग करने वाले कई पार्षद इस कार्यशाला से नदारद रहे।
बीस ने जाने अधिकार
नदारद पार्षद एमसी की कार्यप्रणाली को जानने से चूक गए हैं। दो दिवसीय कार्यशाला पर निगम कुल मिलाकर करीब 85 हजार फूंके हैं। दो दिन के प्रशिक्षण के दौरान मौजूद डिप्टी मेयर समेत 20 पार्षदों ने जहां अपने अधिकार जाने, वहीं नगर निगम के कामकाज को जाना।
जनता के पैसे का नुकसान
अब सवाल यह उठता है की जब पार्षदों की मांग पर यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया तो फिर पार्षद अपनी जिम्मेदारी से क्यों भागे और शिमला की जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा बर्बाद क्यों किया गया।