CPS नियुक्तियों पर अंकुश लगाने को PM से मिलेंगे शांता

Edited By Updated: 23 Jun, 2016 09:29 AM

shanta kumar cps appointment

वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार ने कहा कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति अनावश्यक व अकारण आर्थिक बोझ डालने की प्रक्रिया है।

पालमपुर: वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार ने कहा कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति अनावश्यक व अकारण आर्थिक बोझ डालने की प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि संसदीय सचिवों के पास कोई काम नहीं होता है और न वे किसी फाइल पर आदेश जारी कर सकते हैं मगर एक मंत्री की तरह उन्हें सारे लाभ और वेतन मिलते हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री से मिलकर संविधान में संशोधन कर इस प्रकार की चोर दरवाजे से की जा रही नियुक्तियों पर अंकुश लगाने की मांग करेंगे।
 
 
उन्होंने कहा कि अटलजी की सरकार में इस बात पर बड़ी गंभीरता से विचार किया गया था कि गांव व गरीब के विकास के लिए और अधिक धन की आवश्यकता है। इसके लिए पूरे देश में शासन-प्रशासन में फिजूलखर्ची को रोकना तय हुआ था। उन्होंने कहा कि उस समय यह तय हुआ था कि बचत की पहल ऊपर से की जाए। मंत्रिमंडल छोटा हो और फिर नीचे तक बचत करके पैसा बचाकर विकास में लगाया जाए। शांता कुमार ने कहा कि इसी उद्देश्य से संविधान में संशोधन करके यह तय हुआ था कि मंत्रिमंडल की संख्या प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को मिलाकर सदन की संख्या के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। 
 
 
उन्होंने कहा कि इस संशोधन पर अमल शुरू हुआ तो देश में बहुत स्वागत किया गया। अटल की सरकार चली गई और संशोधन के उद्देश्य को भुला दिया गया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि राजनीतिक दलों ने एक चोर दरवाजा ढूंढा और इस संशोधन की धज्जियां उड़ाईं। शांता कुमार ने कहा कि जब वह 1977 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे तो उस समय उनके साथ 6 मंत्री और 2 राज्य मंत्री थे। आज हिमाचल की सरकार में 11 मंत्री और 9 संसदीय सचिव हैं। इससे जनता अनुमान लगा सकती है कि उन अढ़ाई सालों में कितना काम हुआ और आज कितना काम हो रहा है। 
 
 

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