Edited By Punjab Kesari, Updated: 19 Mar, 2018 02:19 PM
सरकार बदलते ही कर्मचारी महासंघ की गुटबाजी भी जोर पकड़ने लग गई है। एक तरफ सुरेंद्र ठाकुर और एनआर ठाकुर समर्थित कर्मचारी गुट है तो दूसरी तरफ विनोद कुमार गुट कुर्सी हथियाने के लिए मैदान में उतर आया है। पूर्व में कर्मचारी परिसंघ के नेता रहे विनोद कुमार...
मंडी (नीरज): सरकार बदलते ही कर्मचारी महासंघ की गुटबाजी भी जोर पकड़ने लग गई है। एक तरफ सुरेंद्र ठाकुर और एनआर ठाकुर समर्थित कर्मचारी गुट है तो दूसरी तरफ विनोद कुमार गुट कुर्सी हथियाने के लिए मैदान में उतर आया है। पूर्व में कर्मचारी परिसंघ के नेता रहे विनोद कुमार ने बतौर तदर्थ कमेटी अध्यक्ष के रूप में महासंघ की चुनावी अधिसूचना जारी कर एनआर गुट को चुनौती दे डाली है। मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए विनोद कुमार ने कहा कि 11 फरवरी को बिलासपुर में सभी जिला के कर्मचारी नेताओं की मौजूदगी में तदर्थ कमेटी का गठन कर उन्हें अध्यक्ष बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि अवैध रूप से महासंघ कार्यालय पर किए गए कब्जे को भी बहाल किया जाए। विनोद ने कहा कि मंडी जिला कार्यालय पर भी जबरन कब्जा किया गया। जबकि मंडी की 18 में से अधिंकांश ब्लाक यूनिटों का गठन ही नहीं हो पाया है। ऐसी ही स्थिति प्रदेश में भी है। जबकि प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारियों को महासंघ की सदस्यता के बारे में भी पता नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग समांतर चुनाव करवाने की फिराक में हैं वे तदर्थ समिति के साथ आएं और कर्मचारियों के हितों की रक्षा में अपना योगदान दें। अगर कर्मचारी उन्हें अपना नेता चुनना चाहते हैं तो वो भी लोकतांत्रिक तरीके से किया जाएगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि दूसरे गुट द्वारा कर्मचारियों को डराने धमकाने का प्रयास किया जा रहा है। अगर वे बाज नहीं आए तो इसकी शिकायत लिखित और मौखिक रूप से सरकार से की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग पूर्व में मजदूरों के नाम पर राजनीति करते रहे और औद्योगिक क्षेत्रों में चंदा इकट्ठा करते रहे हैं। अब वे लोग महासंघ पर कब्जा किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता परिवर्तन के साथ ही राजनीतिक दूरियां भी बदल गई है और कर्मचारी हित पीछे छूट गए हैं। जबकि महासंघ में स्वार्थ की राजनीति हावी होने लगी है।