Edited By Updated: 07 Apr, 2016 12:26 PM
भूकंप या कोई भी प्राकृतिक आपदा बता कर नहीं आती. ऐसे समय में एकदम से समझ नहीं आता क्या किया जाए।
ऊना: भूकंप या कोई भी प्राकृतिक आपदा बता कर नहीं आती. ऐसे समय में एकदम से समझ नहीं आता क्या किया जाए। ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में डी.सी. यूनुस ने बताया है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा के आने का कोई भी समय निर्धारित नहीं होता है तथा आपदा कहीं भी व कभी भी आ सकती है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक व मानव निर्मित किसी भी आपदा आने की स्थिति में जान माल की हानि कम से कम हो इसके लिए जरूरी है कि पहले ही योजनाबद्ध तरीके से सुरक्षा के उपाय अपना लिए जाएं। डी.सी. बुधवार को बी.आर.सी. भवन ऊना के सभागार में 4 अप्रैल, 1905 में कांगड़ा में आए भूकंप की वर्षगांठ को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा भूकम्प एवं स्कूल सुरक्षा विषय पर स्कूलों के अध्यापकों के लिए आयोजित एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम एवं मॉक ड्रिल के अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा से बचने के लिए यदि योजना बेहतर तरीके से अपनाई गई हो तो इस दौरान होने वाले नुक्सान को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सहित जिला ऊना विभिन्न प्रकार की आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील है तथा यहां भूकंप सहित बाढ़, भू-स्खलन, सुखा इत्यादि कई तरह की मानव निर्मित आपदाएं भी आ सकती हैं, ऐसे में ऐसी किसी भी आपदा से बचने के लिए लोगों में जागरूकता के साथ-साथ सुरक्षा के उपाए होना जरूरी हो जाता है।
उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की आपदा के प्रति जागरूकता लाने में हमारे शिक्षण संस्थान विशेषकर स्कूली बच्चे व अध्यापक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने अध्यापकों को स्कूलों में भूकंप सहित अन्य किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति अपनाए जाने वाले विभिन्न सुरक्षा उपायों बारे भी विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर अग्रिशमन अधिकारी एस.के. शर्मा ने भी आपदा के दौरान अग्रिशमन यंत्रों के रखरखाव व इस्तेमाल करने बारे जरूरी जानकारी दी। इसके उपरान्त आग लगने की घटना बारे मॉक ड्रिल भी करवाई गई।