Edited By Updated: 29 Sep, 2016 07:33 PM
वो कौन है, जो सुबाथू क्षेत्र के लोगों की नींद उड़ा रहा है। इस घटना को वह शरारत के तौर पर अंजाम दे रहा है या फिर किसी सोची-समझी साजिश के तहत घटनाएं करवाई जा रही हैं?
सोलन: वो कौन है, जो सुबाथू क्षेत्र के लोगों की नींद उड़ा रहा है। इस घटना को वह शरारत के तौर पर अंजाम दे रहा है या फिर किसी सोची-समझी साजिश के तहत घटनाएं करवाई जा रही हैं? कहीं पुलिस व गुप्तचर एजैंसियों का ध्यान भटकाने के इरादे से तो ऐसी घटनाएं नहीं अंजाम दी जा रही हैं। ये कुछ सवाल हैं, जो सुबाथू क्षेत्र में एक के बाद एक टंकियों में जहर घोलने की घटनाओं के बाद खड़े हो गए हैं।
सुबाथू क्षेत्र सैन्य क्षेत्र होने के कारण अब केंद्रीय गुप्तचर एजैंसियों ने भी अपने स्तर पर मामले पर नजरें गड़ा दी हैं। हालांकि अभी तक जो भी घटनाएं सामने आई हंै, वे सैन्य क्षेत्र से बाहर की हैं लेकिन एक के बाद एक सामने आ रही ऐसी घटनाओं ने क्षेत्र की पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं। पूरे मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वीरवार को यहां के एक निजी मकान की ऊपर की मंजिल में लगी पानी की 3 टंकियों में जहर घुला मिला। यहीं नहीं, पटवारखाने की टंकी में भी जहर मिला पाया गया है। इन घटनाओं से साफ हो रहा है कि कोई सुबाथू में जहर का आतंक फैलाने की फिराक में है।
वीरवार सुबह जाड़ला गांव के निवासी अनंत राम अपने दैनिक कार्य में जुट गए और पानी निकालने के लिए जैसे उन्होंने नल खोला तो उसमें से झागयुक्त और दुर्गंध वाला पानी आने लगा, जिसके बाद उन्होंने टंकियों को चैक किया तो पाया कि तीनों टंकियों मेंं जहर घुला हुआ था। उन्होंने मामले की सूचना पंचायत के उपप्रधान प्रेम चंद ठाकुर और पुलिस को दी। करीब 10 बजे जाड़ला के पटवारी आरआर गर्ग जब कार्यालय पहुंचे तो उन्होंने भी पानी निकालने के लिए नल खोला तो उसमें भी जहर मिला पाया गया।
घटना की सूचना मिलने के बाद एसपी सोलन अंजुम आरा तुरंत सुबाथू पहुंचीं और छपरौली के अलावा जाड़ला गांव का दौरा किया। उन्होंने मौके पर सुबाथू पुलिस के कर्मचारियों ने अभी तक की जांच की पूरी जानकारी ली और उन्हें तुरंत आरोपी तक पहुंचने के निर्देश दिए। देर शाम तक एसपी सुबाथू क्षेत्र में डटी रहीं और आरोपी तक पहुंचने के लिए स्वयं पूरी रणनीति तैयार की। एसपी ने मामले में कुछ लोगों से पूछताछ भी की।
सेना ने भी अपने क्षेत्र में बढ़ाई चौकसी
इस घटना के बाद 14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र में भी चौकसी बढ़ा दी गई है। सेना ने अपने टैंकों की सुरक्षा के लिए दिन-रात पहरा लगा दिया है और संदिग्ध लोगों पर पैनी नजर रखी जा रही है। वहीं छपरौली सैन्य क्षेत्र से एकदम सटा हुआ है, इसलिए वीरवार को सैन्य अधिकारियों ने भी अपने डाक्टरों की टीम के साथ छपरौली टैंक का जायजा लिया और पाया कि पानी में मिलाया गया जहर बेहद खतरनाक है।