जमीनी फर्जीवाड़े में 2 साल की कैद

Edited By Updated: 24 May, 2016 10:34 PM

land fraud court charged

ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी उपासना शर्मा ने जमीन को लेकर धोखाधड़ी के मामले में 1 व्यक्ति को 2 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।

सोलन: ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी उपासना शर्मा ने जमीन को लेकर धोखाधड़ी के मामले में 1 व्यक्ति को 2 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा उसे 2000 रुपए जुर्माना भी किया गया है।

 

मामले की सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला न्यायवादी नितिन सोनी ने बताया कि वर्ष 1940 में मोती राम ने एक प्लाट खुली बोली में सपरून मंडी में पटियाला रियासत से 320 रुपए में खरीदा था लेकिन इसके बाद वह शर्त व नियम के अनुसार तय समय में भवन निर्माण नहीं कर सका जिसके कारण 1981 में उपायुक्त सोलन ने इस भूमि को प्रदेश सरकार के नाम कर दिया। इसी बीच जगमोहन ने मोती राम के बेटे के तौर पर प्रदेश उच्च न्यायालय में एक याचिका डीसी के आदेशों के खिलाफ दायर की। इस दौरान उसने कुछ शपथ पत्र व जीपीए भी प्रस्तुत की जिसके बाद प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की जांच का कार्य सीआईडी को सौंपा।

 

सीआईडी ने जांच के बाद दस्तावेज फर्जी पाए और 2001 में सोलन सदर थाना में जगमोहन व देव राज के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। इस दौरान देवराज की मौत हो गई जबकि जगमोहन पर मामला चला। इस दौरान अदालत ने मामले में जगमोहन लाल निवासी लुधियाना, पंजाब को दोषी पाते हुए उसे 2 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।

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