Edited By Updated: 09 Sep, 2016 12:16 AM
मासूम युग की नृशंस हत्या करने वाले आरोपियों की न्यायिक हिरासत 21 सितम्बर तक बढ़ा दी गई है।
शिमला: मासूम युग की नृशंस हत्या करने वाले आरोपियों की न्यायिक हिरासत 21 सितम्बर तक बढ़ा दी गई है। इसी कड़ी में वीरवार को कैथू जेल में बंद तीनों आरोपियों तजेंद्र सिंह, चंद्र शर्मा और विक्रांत बक्खी को वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। इस दौरान अदालत ने आरोपियों को पुन: न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश सुनाए। तीनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि वीरवार को समाप्त हो गई थी। विशेष है कि पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ले जाते समय गुस्साए लोगों ने 2 आरोपियों पर हमला कर दिया था, ऐसे में सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई।
बता दें राम बाजार के कारोबारी विनोद गुप्ता का4 वर्षीय बेटा युग 14 जून, 2014 को अपने घर के पास से रहस्यमयी परिस्थितियों में गायब हो गया था। इस मामले में सीआईडी ने शक के आधार पर 3 युवकों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उनकी शिनाख्त पर सीआईडी ने 22 अगस्त, 2016 को युग का कंकाल शिमला में भराड़ी के नजदीक नगर निगम के पानी के टैंक से बरामद किया। इस मामले का खुलासा होने के बाद शहर के लोगों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला था।
उक्त मामले में सीआईडी इस माह चार्जशीट तैयार कर अदालत में चालान पेश कर सकती है। इसके तहत मुख्यालय से भी जांच टीम को भी व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस मामले में सीआईडी अधिकतर जांच पूरी कर चुकी है और बिसरा व डीएनए रिपोर्ट आने का इंतजार है। हाई प्रोफाइल मामले को ध्यान में रखते हुए सीआईडी सभी पहलुओं को गंभीरता से खंगाल रही है।सीआईडी के उप अधीक्षक भूपिंद्र सिंह ब्राक्टा ने बताया कि अदालत ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।
नार्को टैस्ट करवाने की तैयारियां
सीआईडी उक्त मामले की तह तक जाने के लिए तीनों आरोपियों के नार्को टैस्ट करवाने की तैयारियों में है। इसके तहत सीआईडी सभी औपचारिकताओं को पूरा करने में लगी हुई। माना जा रहा है कि इस माह के अंत तक तीनों आरोपियों के नार्को टैस्ट करवा लिए जाएंगे।
जेल में कड़ा पहरा
अपहरण के बाद 4 वर्षीय मासूमकी हत्या करने वाले तीनों आरोपियों को कैथू जेल में भी कड़े पहरे में रखा गया है। आरोपीतजेंद्र सिंह द्वारा बीते दिनों किए गए आत्महत्या के प्रयास के बाद जेल विभाग को सीआईडी मुख्यालय की तरफ से व्यापक दिशा-निर्देश जारी हुए हैं, ऐसे में जेल विभाग ने तीनों पर पहरा बढ़ा रखा है। इसके तहत तीनों ही अभियुक्तों को जेल में न केवल अलग-अलग बैरक में रखने के साथ ही अन्य कैदियों से भी अलग रखा गया है।