Edited By Updated: 21 Feb, 2016 11:39 AM
सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा में चल रहे जाट आंदोलन का असर हिमाचल पर भी पड़ा है।
शिमला: सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा में चल रहे जाट आंदोलन का असर हिमाचल पर भी पड़ा है। दरअसल हरियाणा में जाट आंदोलन के चलते एच.आर.टी.सी. प्रबंधन को अलर्ट कर दिया गया है। इसके तहत सभी अधिकारियों को स्थिति पर नजर बनाए रखने को कहा गया है, ताकि किसी भी तरह से निगम की बसों, कर्मचारियों और यात्रियों को नुक्सान न हो। इस आंदोलन के चलते हिमाचल से दिल्ली आने-जाने वाली परिवहन निगम की 216 बसों के रूट प्रभावित हुए हैं।
यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है जब तक जाट आरक्षण पर कोई फैसला नहीं आता तब तक बसें चंडीगढ़ तक ही चलाई जाएंगी। वहीं, हरिद्वार जाने वाली बसों को वाया हरियाणा के बजाए नाहन से भेजने का फैसला लिया गया है। ऐसे में अब आम लोगों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों से चल रहे इस आंदोलन ने शुक्रवार को हिंसक रूप ले लिया था जिससे शनिवार को आंदोलनकारियों ने हरियाणा में कई जगहों पर प्रदर्शन कर नैशनल हाईवे बंद कर दिया।
जाट आंदोलन से हरियाणा और इसके आसपास यातायात पूरी तरह से बाधित रहा। इस दौरान हिमाचल पथ परिवहन निगम की जो बसें कांगड़ा, शिमला, बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना व नाहन से सुबह 5 बजे दिल्ली के लिए रवाना हुईं वे दिल्ली पहुंच गई हैं मगर 7 बजे के बाद चलने वाली बसों को चंडीगढ़ ही रोक दिया गया। इस दौरान निगम की कुछ बसें चंडीगढ़ व दिल्ली में खड़ी कर दी हैं। एचआरटीसी को बसों की आवाजाही न होने के चलते लगभग 75 लाख का नुक्सान उठाना पड़ा है। निगम की एक दिन में करीब डेढ़ करोड़ रुपए की कमाई होती है। निगम पहले से ही घाटे में चला हुआ है, ऐसे में कफ्र्यू लगने के कारण निगम को और नुक्सान उठाना पड़ रहा है।