Edited By Updated: 13 Jun, 2016 04:28 PM
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एच.आर.टी.सी.) की संयुक्त समन्वय समिति ने हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया है।
शिमला: हिमाचल पथ परिवहन निगम (एच.आर.टी.सी.) की संयुक्त समन्वय समिति ने हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया है। दरअसल एच.आर.टी.सी. कर्मचारियों की यह नारेबाजी थम नहीं रही है। इतना ही नहीं वह 48 घंटे हड़ताल करने की तैयारी में हैं लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी इस हड़ताल को गैर कानूनी घोषित कर दिया है। एक पी.आई.एल. की सुनवाई करते हुए हिमाचल प्रदेश कोर्ट ने साफ कर दिया है कि कर्मचारी हड़ताल पर गए तो यह कानून के खिलाफ होगा। वहीं कर्मचारी भी झुकने को तैयार नहीं है।
हमीरपुर में हडताल की रूपरेखा तैयार करने के लिए गेट मीटिंग हुई जिसमें प्रदेश सरकार और परिवहन मंत्री जी.एस. बाली के अडियल रवैये पर गहरा रोष व्यक्त किया गया। एच.आर.टी.सी. कर्मचारियों की मांग है कि जितनी भी छोटी बड़ी बसें हैं, उनका इंश्योंरेंस हो ताकि कोई दुर्घटना होने पर बेवजह चालक परिचालक तंग न हों। इसके अलावा कमर्चारियों के पेंशन और वेतन का समय पर भुगतान किया जाए। 10 महीने का अतिरिक्त ओवर टाइम और रात्रि भत्ता, 4-9-14 का एरियर, पीस मेल वकर्रों को अनुबंध नीति में रखना, अनुबंध चालकों को बेसिक प्लस डीए देना शामिल है।