Edited By Updated: 31 Aug, 2016 09:13 AM
हिमाचल हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण को सरकार द्वारा नियमित किए जाने को गैर-कानूनी ठहराते हुए आदेश दिए हैं कि अवैध निर्माण नियमित नहीं किए जाने चाहिए।
शिमला: हिमाचल हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण को सरकार द्वारा नियमित किए जाने को गैर-कानूनी ठहराते हुए आदेश दिए हैं कि अवैध निर्माण नियमित नहीं किए जाने चाहिए। न्यायाधीश राजीव शर्मा व न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर की खंडपीठ ने कहा है कि सरकार को न तो अवैध निर्माण को नियमित करना चाहिए और न ही वन भूमि पर अवैध कब्जों को। कोर्ट का कहना है कि जो भी अवैध निर्माण होते हैं, वे रातोंरात नहीं होते।
सरकार की मशीनरी मूकदर्शक बन कर लालची लोगों को ऐसे अवैध कार्य करने देती है। पहले इन्हें अवैध कब्जे करने की छूट देने और फिर रैगुलर करना वास्तव में संवैधानिक मशीनरी का फेल होना दर्शाता है। सरकार की ऐसी नीतियों से ईमानदार व्यक्ति केवल दया के पात्र बने रहते हैं जबकि बेइमानों को कानून तोड़ने की पूरी इजाजत रहती है। कोर्ट ने सरकार की अवैध निर्माण को नियमित करने की नीति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हजारों ऐसे निर्माण हैं जो असुरक्षित हैं फिर भी उन्हें रैगुलर किया जा रहा है।