Edited By Updated: 02 Jun, 2016 05:04 PM
भाखड़ा बांध की गोबिंद सागर झील में मछली पकड़ने पर पाबंदी लगा दी गई है। पाबंदी की समयावधि मात्र 2 महीने है।
बिलासपुर (मुकेश गौतम): भाखड़ा बांध की गोबिंद सागर झील में मछली पकड़ने पर पाबंदी लगा दी गई है। पाबंदी की समयावधि मात्र 2 महीने है। अब 1 अगस्त को ही बाजार में भाखड़ा बांध की झील की मछली उपलब्ध हो सकेगी। जून व जुलाई महीने में मछली का प्रजनन काल होता है। इसलिए हर वर्ष इन महीनों में मछली पकड़ने पर पाबंदी लगा दी जाती है, ताकि झील में हर तरह की मछलियों की संख्या बरकरार रहे। इस दौरान झील के तटों पर विशेष कैंप लगाकर भी यह ध्यान रखा जाता है कि किसी भी कीमत पर झील में मछली का आखेट न हो।
झील में ‘ए’ ग्रेड तथा अन्य प्रकार की सुपर ब्रांड मछलियों की संख्या को बरकरार रखने के मकसद से ही मत्स्य आखेट बंद कर दिया जाता है। मतस्य विभाग हिमाचल प्रदेश के डायरेक्टर गुरचरण सिंह के अनुसार दो माह तक मछली पकड़ने पर पाबंदी लगाई गई है। इस अवधि के दौरान शिकार पर कड़ी नजर रखने का प्रबंध किया गया है। साथ ही झील विभिन्न जगहों पर इस बार करीब 80 लाख पुंग कतला मछली के डाले जाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। भाखड़ा बांध की गोबिंद सागर झील, जहां एक जून से मछली का शिकार बंद हो गया है, झील किनारे पसरा सन्नाटा।
बताया जा रहा है कि भाखड़ा बांध की गोबिंद सागर झील में हर साल 1100 टन मछली उत्पादन होता है हिमाचल प्रदेश मछली विभाग इस झील से तकरीबन 6 करोड़ रुपए का कारोबार करता है। हर एक कैम्प मे दो कर्मचारी भाखड़ा बांध की झील मे पुरान तोर पर नज़र रखगे इस झील मे सिल्वरकार्प, कतला, गोल्डन फिश, ग्रास कार्प, राहु आदि किस्मों की मछलियां पाई जाती हैं। गोल्डन फिश यानि महाशेर तथा कतला मछली अब झील में काफी कम रह गई है। भाखड़ा की मछली पंजाब के विभिन्न शहरों के अलावा चंडीगढ़, दिल्ली, आसाम सहित देश के कई अन्य प्रांतों में सप्लाई होती है।