Edited By Dishant Kumar, Updated: 23 Mar, 2021 09:00 PM
अक्सर देखा गया है कि जब मतदाता किसी नेता को चुन कर लाते है और उसके बाद वह शक्तिशाली नेता बन जाता है | तो वे अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने लग जाता है | जिसके चलते मतदाता अपने आप को ठगा महसूस करते हैं | इस अवस्था पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार...
अक्सर देखा गया है कि जब मतदाता किसी नेता को चुन कर लाते है और उसके बाद वह शक्तिशाली नेता बन जाता है | तो वे अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने लग जाता है | जिसके चलते मतदाता अपने आप को ठगा महसूस करते हैं | इस अवस्था पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार चाहे तो राईट टू रिकॉल का अधिकार मतदाताओं को दे सकती है | जिस से वह अगर उनका नेता मनमानी कर रहा है,.. तो उसे वापिस बुला सकती है | राईट टू रिकॉल अधिकार से नेता को सही मार्ग पर लाने का कार्य किया जा सकता है | यह अधिकार न केवल विदेश में मतदाताओं को दिया गया है बल्कि भारत के भी कई राज्यों में भी यह शक्ति मतदाताओं को दी गई है | समाज सेवी विवेक शर्मा ने इस बारे में कहा कि चुनावों को तभी पारदर्शी बनाया जा सकता है जब मतदाताओं को राईट टू रिकॉल का अधिकार प्रदेश सरकार दे | उन्होंने कहा कि इस नियम से नेताओं की मनमानी पर अंकुश लग सकेगा और वे जनता की सम्स्या को प्रमुख्ता से उठाते हुए उसका समाधान भी करेंगे