Edited By Updated: 11 Dec, 2016 08:29 PM
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज इस बात पर जोर देते हुए कहा कि देश के समक्ष उत्पन्न समस्याओं के निदान के लिए केंद्र को कोई....
जालंधर: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज इस बात पर जोर देते हुए कहा कि देश के समक्ष उत्पन्न समस्याओं के निदान के लिए केंद्र को कोई भी कदम उठाने से पहले सभी राज्यों को भरोसे में लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आनन-फानन में नोटबंदी की व्यवस्था देश में लागू की गई है उससे इसके असफल होने की संभावना अधिक हो गई है।
हिंद समाचार समूह के प्रधान संपादक विजय चोपड़ा की आेर से जालंधर में आयोजित ‘शहीद परिवार फंड वितरण समारोह’ के दौरान एक न्यूज एजैंसी से बातचीत में वीरभद्र ने कहा, ‘‘मैं पूरी तरह कालेधन के खिलाफ हूं और केंद्र सरकार ने बड़े नोटों को बंद करने का जो कदम उठाया है उससे निश्चित रूप से कुछ न कुछ सुधार होता अगर इस व्यवस्था को पूरी तैयारी के साथ लगू किया गया होता।’’
किसी भी व्यवस्था को सोच समझकर लागू करना चाहिएः सिंह
सिंह ने कहा कि किसी भी व्यवस्था को सोच समझकर और पूरी तैयारी कर लागू किए जाने पर उसकी सफलता निश्चित हो जाती है और बिना किसी राय के, चर्चा के तथा तैयारी के अगर कोई भी व्यवस्था लागू की जाती है तो उसकी सफलता की संभावना कम हो जाती है। कांग्रेस नेता ने देश में बड़े नोटों को अमान्य करार दिए जाने के बारे में कहा कि केंद्र सरकार ने जिस प्रकार से बिना तैयारी और बिना चर्चा के यह कदम उठाया है, उससे इसके असफल होने की संभावना अधिक हो गई है। इसे लागू करने से पहले अर्थशास्त्रियों से इस पर चर्चा करनी चाहिए थी और इस पर बहस करने के बाद ही इसे अमल में लाया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को हानि ही होगी और इसका नकारात्मक असर लंबे समय में दिखेगा।