Edited By Updated: 07 Aug, 2016 01:28 AM
एक तरफ शिक्षा में क्रांति के दावे तो दूसरी तरफ बरसात में छातों के नीचे पढ़ाई, क्या इसे ही आधुनिक शिक्षा व्यवस्था कहेंगे।
लम्बागांव: एक तरफ शिक्षा में क्रांति के दावे तो दूसरी तरफ बरसात में छातों के नीचे पढ़ाई, क्या इसे ही आधुनिक शिक्षा व्यवस्था कहेंगे। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अप्पर लम्बागांव में विद्यालय की हालत देखते ही प्रदेश सरकार के शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के सारे दावे स्वत: ही हवा हवाई हो जाते हैं।
अप्पर लम्बागांव विद्यालय को अभी 2 वर्ष पूर्व ही मुख्यमंत्री द्वारा उच्च विद्यालय से स्तरोन्नत करके जमा दो का दर्जा प्रदान किया गया था लेकिन 2 वर्ष बाद भी विद्यालय में सिर्फ नाम बदल जाने के अतिरिक्त बाकी कोई बदलाव नहीं आया है। विद्यालय में स्टाफ रूम व कार्यालय को मिलाकर लगभग 6 कच्चे व 2 पक्के कमरे हैं, जो काफी समय पहले बने थे।
जहां तक कच्चे कमरों का सवाल है तो इनके बहुत पुराने हो जाने के कारण इनकी स्लेटपोश छत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। थोड़ी-सी बारिश होने पर भी बच्चों सहित अध्यापकों को सुरक्षित जगह की तलाश कर शरण लेनी पड़ती है। ऐसी ही हालत भवन के बरामदे की है, वहां भी जगह-जगह पानी टपकता रहता है। हालांकि पिछले कई सालों से विद्यालय भवन की छत बदलने की मांग अभिभावकों सहित क्षेत्रवासियों द्वारा अलग-अलग मंचों से की जाती रही है लेकिन आज दिन तक कोई सकारात्मक परिणाम देखने को नहीं मिला है।
बताने के बाद भी नहीं हुआ समस्या का समाधान
विद्यालय की उपप्रधानाचार्य किरणा देवी के अनुसार विभाग को इस बारे लिखा जा चुका है लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से कुछ समय पूर्व विद्यालय में मुरम्मत आदि कार्यों के लिए 50 हजार की राशि को स्वीकृति दी गई थी लेकिन इसके अन्य मुरम्मत कार्यों में खर्च हो जाने के चलते छत का काम नहीं हो सका।
....जब पानी टपकने के कारण उठना पड़ा था विधायक को
हालांकि 2 वर्ष पूर्व यहां स्थिति उस समय हास्यास्पद बन गई थी, जब स्थानीय विधायक के यहां एक कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित होने पर बारिश शुरू हो गई थी और व्यवस्थापकों को बरामदे में जहां मंच बनाया गया था, को पानी टपकने के कारण विधायक को वहां से उठाकर बैठने की व्यवस्था बदलनी पड़ी थी। उस समय भी व्यवस्थापकों सहित विद्यालय भवन की छत बदलवाने की मांग विधायक के समक्ष रखी गई थी। उस समय विधायक ने हालात को स्वयं महसूस करने के बाद शीघ्र मुरम्मत करवाने की बात कही थी लेकिन परिणाम आज तक नहीं आया। हालांकि विद्यालय के स्तरोन्नत होने पर 2 पक्के कमरों का शिलान्यास भी विधायक यादविंद्र गोमा द्वारा किया गया था लेकिन वो काम भी अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है।
तकनीकी पहलुओं के चलते धन की व्यवस्था नहीं हो सकी : विधायक
विधायक यादविंद्र गोमा ने बताया कि समस्या उनके ध्यान में है मगर कुछ तकनीकी पहलुओं के चलते धन की व्यवस्था नहीं हो सकी थी। बच्चों को पेश आने वाली समस्या का शीघ्र समाधान करवा दिया जाएगा।