Edited By prashant sharma, Updated: 12 Nov, 2020 03:12 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक साल पहले की तुलना में 8.6 प्रतिशत घटने की बात कही है।
हमीरपुर : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक साल पहले की तुलना में 8.6 प्रतिशत घटने की बात कही है। इस तरह लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी घटने के साथ हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सोशल मीडिया सेल के चेयरमैन अभिषेक राणा ने कहा की देश पहली बार ऐसी मंदी से घिरा है। भाजपा की गलत नीतियों ने गरीब तो क्या अच्छे अच्छे व्यापारीयों की भी कमर तोड़ दी।फिर ऊपर से ऐसे अनर्थ निर्णय लेने से देश की कमर भी टूट रही है। उन्होंने बताया की नोटबंदी के बाद भी जीडीपी का संकुचन हुआ था। न ही सरकार के पास गिरती जीडीपी के सही आंकड़े हैं न ही बेरोजगार युवकों के।
केंद्रीय बैंक के अनुसंधानकर्ताओं ने तात्कालिक पूर्वानुमान विधि का प्रयोग करते हुए अनुमान लगाया है कि सितंबर तिमाही में संकुचन 8.6 प्रतिशत तक रहा होगा। इस सबके बाद कोरोना की मार झेल रहे भारतवासी बहुत अधिक नुकसान उठाएंगे और कुछ लोग ऐसे भी होंगे जो सड़क पर आ जाएंगे, इसका सीधा असर गरीब मजदूर पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वादे थे विकास के और देश व प्रदेश को शिखर पर ले जाने के, परन्तु धरातल पर देखा जाए तो सब जुमले फेल होते नजर आ रहे हैं। 15 लाख देने की बात करने वाली सरकार आज गरीब को दो वक्त की रोटी भी नहीं दे पा रही। न ही उनके पास रोजगार है उपर से आर्थिक मंदी होने के बाद देश और कर्ज में डूब सकता है।
कांग्रेस के 70 सालों का बार-बार जिक्र करने वाले आज खुद जो कर रहे हैं उसे देश आर्थिक संकट की ओर जा रहा है। राणा ने सवाल किया कि बिना सोचे समझे गलत फैसले जनता के ऊपर थोपना कहां तक सही है ? ऐसा ही कुछ नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के समय में हुआ था। न ही नोटबंदी को सही तरीके से लागू किया गया और न ही जीएसटी को, इसके साथ ही बिना किसी तैयारी के देशभर में लॉकडाउन कर दिया गया जिससे कितने ही लोग मारे गए और कितने ही भूखे रहे। व्यक्तिगत फैसले लेने और बिना सोचे किसी भी आइडिया को लागू करने का यह परिणाम हैं।