दुनिया के सबसे ऊंचे रूट पर चलकर 4 खतरनाक दर्रों को पार करती है बस

Edited By Ekta, Updated: 12 Jun, 2019 10:14 AM

world highest route bus the 4 cross dangerous passes

दुनिया के सबसे ऊंचे व लंबे बस रूटों में से एक दिल्ली-मनाली-लेह रूट पर अगले सप्ताह तक बस सेवा शुरू होने की उम्मीद है। हर साल बर्फबारी के थमने के बाद मनाली-लेह मार्ग बहाल होते ही इस बस सेवा को शुरू किया जाता है। देश के सबसे ऊंचे व लंबे रूट पर हिमाचल...

कुल्लू: दुनिया के सबसे ऊंचे व लंबे बस रूटों में से एक दिल्ली-मनाली-लेह रूट पर अगले सप्ताह तक बस सेवा शुरू होने की उम्मीद है। हर साल बर्फबारी के थमने के बाद मनाली-लेह मार्ग बहाल होते ही इस बस सेवा को शुरू किया जाता है। देश के सबसे ऊंचे व लंबे रूट पर हिमाचल पथ परिवहन निगम ने सबसे पहले मई, 2008 में बस सेवा शुरू की थी और उसके बाद से यह बस सेवा लगातार चल रही है। इस रूट पर हिमाचल के लाहौल-स्पीति के जिला मुख्यालय केलांग में स्थित एच.आर.टी.सी. के बस डिपो की 29 से 47 सीटर बस चलती है। जून से सितंबर माह के बीच चलने वाली इस बस सेवा के कई रोचक पहलू हैं जिन पर एक नजर डालते हैं। 

1,072 कि.मी. का सफर 1,500 रुपए किराया

दिल्ली-मनाली-लेह रूट पर एच.आर.टी.सी. की सामान्य श्रेणी की बस सेवा चलती है। यह बस कुल 1,072 किलोमीटर की दूरी तय करती है। इस पूरी यात्रा में एक तरफ का किराया इस बार 1,500 रुपए होगा। यह किराया पिछले साल 1,399 रुपए था। दिल्ली से लेह पहुंचने के लिए यात्रियों को करीब 36 घंटे का समय लगता है। यात्रियों को एक रात बस में तथा एक रात केलांग में बितानी पड़ती है। उससे अगली शाम को यात्री अपनी मंजिल तक पहुंच पाते हैं। पूरे सफर के दौरान 3 चालक और 2 परिचालक बदले जाते हैं। सुंदरनगर और केलांग में चालक बदले जाते हैं। केलांग में रात को बस के लिए हाल्ट रहता है तथा यहां से बस लेह या दिल्ली की तरफ जाती है।

लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है यह सेवा

दिल्ली से लेह तक चलने वाली इस बस सेवा का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। लेह रूट सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। कारगिल युद्ध के दौरान इस रूट का प्रयोग भारतीय सेना ने किया था।

इन खतरनाक दर्रों से गुजरती है बस

1,000 से भी अधिक किलोमीटर का यह सफर बहुत रोमांचक है। वैसे तो दिल्ली से लेह के लिए सीधी विमान सेवा है मगर रोमांचक सफर को पसंद करने वाले लोग इस बस को भी एक विकल्प के रूप में चुनते हैं। दिल्ली से लेह के रोमांचक सफर में यह बस रोहतांग पास (13,050 फुट), बारालाचा पास (16,043 फुट), तंगलांगला (17,480 फुट) और लाचूंगला पास (16598 फुट) से होकर गुजरती है। इस दौरान सतलुज, ब्यास, चंद्रभागा व सिंधु नदी के भी दर्शन होते हैं। ब्यास नदी के उद्गम स्थल को भी बस से बेहद करीब से निहारा जा सकता है। मनाली से लेह के बीच कई बार बस में परेशानी होने पर केलांग से दूसरी बस भेजी जाती है।

यह है रूट प्लान

केलांग के एच.आर.टी.सी. के रीजनल मैनेजर मंगल चंद मनेपा ने बताया कि यह बस दिल्ली से दोपहर 2:30 बजे चलेगी तथा सुबह साढ़े 6 बजे मनाली पहुंचेगी। यहां से बस केलांग आएगी। यहां रात्रि ठहराव होगा और यहां से सुबह 5 बजे बस लेह के लिए रवाना होगी। लेह में बस करीब 6 बजे शाम को पहुंचती है। लेह से यह बस सुबह 5 बजे केलांग के लिए चलेगी। शाम करीब 7 बजे केलांग पहुंचेगी तथा केलांग में रात्रि ठहराव के बाद सुबह साढ़े 6 बजे बस मनाली से होते हुए दिल्ली के लिए रवाना होगी और उससे अगली सुबह दिल्ली पहुंचेगी। इस बार इस बस का किराया 1,500 रुपए होगा। बस की समयसारिणी मनाली व लेह के बीच मौसम व ट्रैफिक जाम के कारण कई बार कुछ घंटे आगे-पीछे भी हो सकती है। बस का 3-4 दिन में ट्रायल होगा। उसके बाद इस सेवा को शुरू कर दिया जाएगा।

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