मांगों को लेकर बात न करने पर गुस्साए मजदूर, SJVNL के गेट पर दिया धरना

Edited By Vijay, Updated: 01 Nov, 2018 05:53 PM

workers sitting on stirke on sjvnl gate

सतलुज जल विद्युत निगम कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन 1500 मैगावाट सम्बंधित सीटू के बैनर तले वीरवार को चौथे दिन मजदूरों ने झाकड़ी एस.जे.वी.एन.एल. के मुख्य द्वार पर 1 से 2 बजे तक प्रबंधन को दिए मांग पत्र पर बातचीत न करने के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया।

रामपुर (मुकेश): सतलुज जल विद्युत निगम कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन 1500 मैगावाट सम्बंधित सीटू के बैनर तले वीरवार को चौथे दिन मजदूरों ने झाकड़ी एस.जे.वी.एन.एल. के मुख्य द्वार पर 1 से 2 बजे तक प्रबंधन को दिए मांग पत्र पर बातचीत न करने के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया। धरने को सम्बोधित करते हुए जिला शिमला सीटू उपाध्यक्ष कुलदीप व यूनियन के प्रधान राजेश व उपाध्यक्ष खुशी राम ने कहा कि 1500 मैगावाट प्रबंधक वर्ग व ठेकेदारों को यूनियन द्वारा 27 फरवरी, 2018 को मांगों को लेकर 11 सूत्रीय मांग पत्र दिया गया है, जिसमें यूनियन ने 1500 मैगावाट में खाली पड़े कमरों को कॉन्ट्रैक्ट मजदूरों को देने, सभी मजदूरों के लिए प्रमोशन पॉलिसी बनाने, मजदूरों को रैगुलर स्टाफ की तर्ज पर जूते-वर्दी के लिए भत्ता देने, हर वर्ष मजदूरों के वेतन में वार्षिक बढ़ौतरी करने व रैगुलर स्टाफ की तर्ज पर मजदूरों के लिए बसें लगाने की मांग की है लेकिन प्रबंधक वर्ग ने मजदूरों द्वारा दिए मांग पत्र पर कोई बातचीत नहीं की।

जूते-वर्दी भत्ते के नाम पर मिल रहे 2500 रुपए
यूनियन ने आरोप लगाया है कि प्रबंधक वर्ग द्वारा झाकड़ी में सभी सरकारी कार्यालय के कर्मचारियों को कमरे दिए गए हैं जबकि कॉन्ट्रैक्ट मजदूरों को इससे वंचित रखा गया है जोकि मजदूरों के साथ अन्याय है। यूनियन के अनुसार इस प्रोजैक्ट में ठेका मजदूर पिछले 15-17 वर्षों से काम कर रहे हैं लेकिन अभी तक उन्हें न तो कोई प्रोमोशन और न ही इंक्रीमैंट दी गई है जबकि प्रोजैक्ट का पूरा काम कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स द्वारा किया जा रहा है। मजदूरों को 2500 रुपए नाममात्र भत्ता जूते-वर्दी का दिया जाता है जबकि प्रबंधक वर्ग द्वारा अपने वर्कर्स को 25000 का वर्दी भत्ता दिया जा रह है जोकि मजदूरों की जिंदगी से अन्याय करने वाला मामला है।

मजदूरों से करवाया जा रहा जमेदार का काम
यूनियन के अनुसार सफाई कर रहे मजदूरों से जमेदार का काम करवाया जा रहा है जबकि जमेदार के ट्रेड मजदूरों को नहीं दिए जा रहे हैं। यूनियन द्वारा झाकड़ी, कोटला और नाथपा में दिन और शाम को प्रदर्शन किया जा रहा है यदि प्रबन्धक वर्ग के द्वारा मजदूरों की मांगों को अनदेखा किया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 1500 मैगावाट यूनियन ने वर्ष 2011 में प्रबंधक वर्ग के खिलाफ 97 दिन का आंदोलन लड़ा है। इस अवसर पर विद्या, पुष्पा, अजीत, सुरेंदर, गुरुदास, रमन शर्मा, पवन, अमर, शुराम लाल, जयदेव, रत्न व दीपक सहित 300 मजदूरों ने भाग लिया।

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