मंडी को बाल मित्र जिला बनाने के लिए करें कार्य : डा. आरजी आनंद

Edited By Rajneesh Himalian, Updated: 17 Mar, 2021 05:09 PM

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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ. आरजी आनंद ने सभी अधिकारियों से मंडी जिला को बाल मित्र जिला बनाने के संकल्प के साथ कार्य करने का आह्वान किया।

मंडी (ब्यूरो) : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डा. आरजी आनंद ने सभी अधिकारियों से मंडी जिला को बाल मित्र जिला बनाने के संकल्प के साथ कार्य करने का आह्वान किया। डा. आनंद बुधवार को जिले के अधिकारियों के साथ बाल अधिकारों के संबंध में समीक्षा एवं परामर्श बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उन्होंने जिला में बाल कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों, शिक्षा का अधिकार, बाल श्रम व स्वास्थ्य संबंधी कार्यों की समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने जिला में बाल कल्याण को समर्पित विभिन्न सरकारी योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन पर प्रसन्नता जताई। इससे पहले डॉ. आरजी आनंद ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग सरकार के साथ मिलकर शोषित एवं वंचित बच्चों के कल्याण के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सभी बच्चों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना, बाल श्रम की प्रवृति पर अंकुश लगाना, शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पूर्ण पालन सुनिश्चित बनाना और बाल संरक्षण एवं कल्याण के लिए कार्यान्वित किए जा रहे कानूनों की अनुपालना करवाना आयोग का ध्येय है। बैठक में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य सुचित्रा ठाकुर, महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त सचिव भावना शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं अन्य इस अवसर पर उपस्थित रहे।
प्राइवेट स्कूलों में पूरी तरह लागू करवाएं आरटीई
डॉ. आरजी आनंद ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जिला के सभी प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (राइट टू एजुकेशन-आरटीई) की पूरी अनुपालना सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों को पत्र लिख कर उनसे आरटीई लाभार्थियों की जानकारी मांगें। आरटीई की अनुपालना न होने पर उपयुक्त कार्रवाई करें। बैठक में उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने डॉ. आर.जी आनंद का स्वागत करते हुए बैठक में मिले सभी निर्देशों का पूरा अनुपालन सुनिश्चित बनाने का विश्वास दिलाया। बैठक में पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री ने बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों से अवगत करवाया। अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल ने बाल कल्याण के लिए जिला में कार्यान्वित की जा रही योजनाओं की जानकारी दी।
बच्चों के लिए ‘संवेदना और ‘सहारा’
डॉ. आनंद ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान बच्चों को परामर्श प्रदान करने एवं सहायता उपलब्ध करवाने के लिए आयोग ने ‘संवेदना’ नाम से टोल फ्री हेल्पलाइन शुरू की है। 1800-121-2830 संवेदना हेल्पलाइन नंबर पर बच्चों को भारत की विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में कोविड-19 से संबंधित परामर्श एवं मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अलावा आयोग ने सशस्त्र सेनाओं के शहीदों के बच्चों को परामर्श एवं सहायता प्रदान करने के लिए टेली काउंसिलिंग सुविधा ‘सहारा’ आरंभ की है। यह सुविधा निरूशुल्क दूरभाष नंबर 1800-1-236-236 पर उपलब्ध है। इस सुविधा को सीमा सुरक्षा बल के सहयोग से कार्यान्वित किया जा रहा है।
पुलिस थानों में बनाएं बाल मित्र कॉर्नर
बैठक में उन्होंने जिला में सभी पुलिस थानों में बाल मित्र कॉर्नर बनाने के निर्देश दिए। साथ ही बाल अधिकार संरक्षण गतिविधियों से जुड़ी रिपोर्टिंग के लिए उपयुक्त तंत्र विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने जिला प्रशासन को व्यापक अभियान चलाकर मादक द्रव्यों के सेवन की समस्या के पूर्ण उन्मूलन के लिए कार्य करने को कहा। 

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