शिमला में वूलन एक्सपो प्रदर्शनी शुरू, मंत्री रामलाल मारकंडा ने बताया सरकार का उद्देश्य

Edited By Vijay, Updated: 11 Jan, 2020 07:20 PM

woolen expo exhibition started in shimla

इंदिरा गांधी खेल परिसर में राज्य सहकारी ऊन प्रापण एवं विपणन संघ स्टेट वूल फैडरेशन की ओर से 10 दिवसीय वूलन एक्सपो ऊन हस्तशिल्प एवं हथकरघा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में 23 स्टाल लगाए गए हैं, जिनमें विभिन्न लघु उद्योगों की हस्तशिल्पी,...

शिमला (तिलक राज): इंदिरा गांधी खेल परिसर में राज्य सहकारी ऊन प्रापण एवं विपणन संघ स्टेट वूल फैडरेशन की ओर से 10 दिवसीय वूलन एक्सपो ऊन हस्तशिल्प एवं हथकरघा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में 23 स्टाल लगाए गए हैं, जिनमें विभिन्न लघु उद्योगों की हस्तशिल्पी, हथकरघा उत्पाद सजे हैं। इस प्रदर्शनी का विशेष आकर्षण लोकल ऊन का धागा बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले चरखा, हाथ से घुमाई जाने वाली तकली और बुनाई कार्य की खड्डी हैं। प्रदर्शनी का शुभारंभ कृषि, आईटी व जनजातीय विकास मंत्री रामलाल मारकंडा ने किया। उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी जनजातीय क्षेत्र से संबंध रखते हैं, इसलिए इस प्रदर्शनी में उनकी भी विशेष रुचि है।
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हस्तकरघा के उत्पादों को प्रमोट करना सरकार का मकसद

उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी में कारीगरों द्वारा कैसे वूलन का उत्पाद तैयार किया जाता है, इसकी भी प्रदर्शनी लगाई गई है। मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि हस्तकरघा के उत्पादों को प्रमोट किया जाए ताकि प्रदेश के दुर्गम व दूरदराज के क्षेत्रों मेंं छोटे हथकरघा उत्पादोंं को बढ़ावा मिल सके। इसके अलावा प्रदर्शनी के माध्यम से शिमला घूमने आए पर्यटकों को हिमाचल की कला, संस्कृति, हाथ की कला और शुद्ध ऊन से बने उत्पादों के बारे में जानकारी मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में सामान्य दरों पर बेचने के लिए भी उत्पाद लगाए हैं, जिन्हें लोग खरीद सकते हैं।
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बाजार में धीरे-धीरे गायब हो रहीं हाथों से बनी चीजें

वहीं इस प्रदर्शनी में आए लोगों का कहना है कि वे काफी लम्बे समय इस काम को कर रहे हैं। उन्होंने यह काम अपने पूर्वजों से सीखा हुआ है। प्रदर्शनी में हाथों से बनी हुई इन चीजों के प्रति लोगों का अच्छा रुझान है। वहीं अगर बाजार की बात की जाए तो हाथों से बनी ये चीजें धीरे-धीरे गायब होती नजर आ रही हैं जिन्हें बचाने के लिए ये लोग जगह-जगह जाकर इस तरह की प्रदर्शनी लगा रहे हैं और सरकार की तरफ से भी उन्हें जगह-जगह प्रदर्शनी लगाने के लिए सहयोग मिल रहा है।
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प्रदर्शनी में 10 से 20 प्रतिशत मिल रही छूट

इस प्रदर्शनी में विभिन्न सहकारी संस्थानों, सरकारी संस्थाओं, लघु उद्यमों और अन्य संस्थानों के हस्तशिल्पी हिस्सा ले रहे हैं। प्रदर्शनी के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है कि स्थानीय हस्तशिल्पियों को उनके उत्पादों के प्रदर्शन और विपणन के लिए बेहतरीन मंच प्रदान किया जाए। इस प्रदर्शनी में हथकरघा उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए उपभोक्ताओं को 10 से 20 प्रतिशत छूट भी दी जा रही है।
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