क्या अपना कार्यकाल पूरा कर पाएंगे बंडारू दत्तात्रेय!

Edited By Ekta, Updated: 06 Sep, 2019 09:59 AM

will bandaru dattatreya be able to complete his tenure

हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के समक्ष अपना कार्यकाल पूरा करने की चुनौती रहेगी। उनके प्रदेश आगमन से पहले ही उनके कार्यकाल पूरा करने को लेकर बहस शुरू हो गई है, क्योंकि अब तक राज्य के 3 राज्यपाल ही अपना कार्यकाल पूरा कर पाए...

शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के समक्ष अपना कार्यकाल पूरा करने की चुनौती रहेगी। उनके प्रदेश आगमन से पहले ही उनके कार्यकाल पूरा करने को लेकर बहस शुरू हो गई है, क्योंकि अब तक राज्य के 3 राज्यपाल ही अपना कार्यकाल पूरा कर पाए हैं। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में अब तक 27 जनवरी, 2015 तक राज्यपाल रही उर्मिला सिंह के अलावा प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद प्रथम राज्यपाल रहे एस. चक्रवती और वी.एस. कोकजे ही अपना कार्यकाल पूरा कर पाए हैं। प्रदेश के बाकी राज्यपाल सक्रिय राजनीति में वापस लौटने सहित अन्य कारणों से अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।  

अब तक इतने राज्यपाल पूरा कर पाए अपना कार्यकाल

कलराज मिश्र के राज्यपाल बनने से पहले आचार्य देवव्रत भी करीब 4 साल का अपना कार्यकाल पूरा कर पाए। उनके बाद प्रदेश के राज्यपाल बने कलराज मिश्र को 2 माह से कुछ अधिक समय ही मिल पाएगा, क्योंकि उनका तबादला अब राजस्थान कर दिया गया है। अब देखना यह है कि क्या बंडारू दत्तात्रेय अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा कर पाते हैं या नहीं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले सुरेंद्र नाथ के पास जिस समय राज्यपाल के पद का अतिरिक्त जिम्मा था, तो उस समय उनकी कामरूनाग में हुए विमान हादसे में मौत हो गई थी। शीला कौल को अपने खिलाफ मामला दर्ज होने के कारण पद छोड़ना पड़ा था। केंद्र में सत्ता परिवर्तन के बाद प्रदेश के 2 राज्यपालों वीरेंद्र वर्मा व आर.के.एस. गांधी को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। होकिशे सेमा और सुधाकर राव नाइक को सक्रिय राजनीति में आने की इच्छा की वजह से यह पद छोड़ना पड़ा। 

गुलशेर अहमद को मध्य प्रदेश में बेटे के चुनाव प्रचार में भाग लेने के कारण निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर पद से हटना पड़ा था। कार्यकाल पूरा होने से पहले ही केंद्र सरकार ने प्रदेश के राज्यपाल ए.के. बनर्जी को कर्नाटक, रमा देवी को कर्नाटक, आर. रच्चैया को केरल, विष्णुकांत शास्त्री को उत्तर प्रदेश और प्रभा राव को राजस्थान तबदील कर दिया गया था। आचार्य देवव्रत को भी 4 साल की अवधि के बाद गुजरात तबदील कर दिया गया। लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष रहे बली राम भगत प्रदेश के राज्यपाल के पद पर 4 माह रहे। इसके अलावा वर्तमान राज्यपाल कलराज मिश्र ने 2 माह से अधिक का समय बिताया है।

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