Edited By Punjab Kesari, Updated: 24 Feb, 2018 11:35 PM
शादी के सात फेरों में साथ जीने-मरने की कसमें खाकर वैवाहिक जीवन की शुरूआत करने वाले दंपति की शादी की कसमें सत्य हो गईं, जब पति की मौत के कुछ क्षणों बाद ही पत्नी ने भी प्राण त्याग दिए।
नादौन: शादी के सात फेरों में साथ जीने-मरने की कसमें खाकर वैवाहिक जीवन की शुरूआत करने वाले दंपति की शादी की कसमें सत्य हो गईं, जब पति की मौत के कुछ क्षणों बाद ही पत्नी ने भी प्राण त्याग दिए। नादौन उपमंडल के घलूं गांव में पति की मौत के आधे घंटे के अंदर ही पति के वियोग में पत्नी ने भी प्राण त्याग दिए। घलूं गांव का 70 वर्षीय राम चंद शुक्रवार शाम को स्थानीय गांव की एक दुकान में बैठकर लोगों से बातचीत कर रहा था कि अचानक उसे दिल का दौरा पड़ गया। रतन चंद की तबीयत बिगड़ते देख दुकानदार व दुकान में उपस्थित लोग उसे उठाकर नजदीक ही उसके घर को लेकर चल पड़े। अचेत अवस्था में जब रतन चंद को उसके घर पहुंचाया गया तब तक उसके प्राण निकल चुके थे। रतन चंद को देखने के लिए परिवार के सभी सदस्य एकत्रित हो गए तथा रतन चंद की अचानक मौत पर गमगीन हो गए।
अचानक मातम में बदल गया हंसी-खुशी का माहौल
रतन चंद की पत्नी 60 वर्षीय कांता देवी को जब अचानक पति की मौत की जानकारी मिली तो वह बिलख-बिलखकर रोने लगी। पति की मौत का उसे ऐसा सदमा लगा कि वह अचेत हो गई। अचेत कांता देवी को संभालने के लिए परिजन प्रयास कर ही रहे थे कि इतने में उसकी भी मौत हो गई। घर में जहां एक घंटा पहले हंसी-खुशी का माहौल था अचानक मातम में बदल गया। आसपास का माहौल चीखोपुकार से गूंज उठा तथा गांव का हर व्यक्ति शोकाकुल हो गया।
एक साथ किया गया दोनों का अंतिम संस्कार
रतन चंद के बेटे धर्मेंद्र ने बताया कि उसे यकीन नहीं हो रहा है कि उसके मां-बाप का साया उसके सिर से इस तरह उठ जाएगा। गांववासी राकेश कुमार ने बताया कि स्व. रतन चंद और कांता देवी का स्वभाव निहायत ही मधुर था तथा गांव के हर व्यक्ति से वे बड़े प्रेम से व्यवहार करते थे। शनिवार को सैंकड़ों लोगों की उपस्थिति में दोनों की एक साथ शव यात्रा निकली तथा एक साथ दोनों का अंतिम संस्कार किया गया।