आयुर्वेद दवा खरीद घोटाले में आरोपी अधिकारियों पर मेहरबान क्यों सरकार : राणा

Edited By Simpy Khanna, Updated: 10 Jan, 2020 04:45 PM

why the government is kind

सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया है कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में एक से बढक़र एक करोड़ों रुपए के घोटाले हो रहे हैं लेकिन सरकार कार्यवाही करने की बजाये आरोपियों को बचाने में लगी हुई है। सरकार बताए कि ऐसी क्या मजबूरी बनी हुई है...

हमीरपुर : सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया है कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में एक से बढक़र एक करोड़ों रुपए के घोटाले हो रहे हैं लेकिन सरकार कार्यवाही करने की बजाये आरोपियों को बचाने में लगी हुई है। सरकार बताए कि ऐसी क्या मजबूरी बनी हुई है जिस कारण भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों को बचाने में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 में आयुर्वेद विभाग में आयुष मिशन के तहत 2.64 करोड़ रुपए औषधियां खरीदने के लिए स्वीकृत हुए थे लेकिन दवाइयां खरीदने की बजाये सचिवालय के उच्चाधिकारियों की अनुमति से उपकरण खरीद लिए गए। 

उन्होंने कहा कि इस राशि से अपनी पसंद की फर्म से 1.62 करोड़ रुपए के उपकरण जैम पोर्टल के माध्यम से खरीदे गए। उन्होंने कहा कि विभाग की प्रारंभिक जांच के दौरान करीब 40 लाख रुपए का गोलमाल सामने आने पर सरकार ने क्रय कमेटी के 3 सदस्यों को निलंबित किया था जिन्हें बहाल कर दिया गया है तथा एक कर्मचारी को 1 दिन के लिए निलंबित करन के बाद विभाग में महत्वपूर्ण पद देकर सम्मानित भी किया गया।महालेखाकार विभाग द्वारा करवाए ऑडिट में करीब 80 लाख रुपए का घपले की पुष्टि हुई थी। 

उन्होंने कहा कि अब इस मामले में अनावश्यक देरी कर मामले को रफा-दफा करने की साजिश रची जा रही है जबकि सरकार का कार्मिक विभाग भी सरकार से क्रिमिनल केस दर्ज करने की सिफारिश कर चुका है।उन्होंने कहा कि ऐसे संगीन मामले में विजीलैंस से जांच करवाने के साथ पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जानी चाहिए लेकिन सरकार व उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से इस मामले में संलिप्त अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है। घोटालों के लिए याद की जाने वाली इस सरकार के 2 साल के कार्यकाल में इस बड़े घोटाले के अलावा स्कूल वर्दी खरीद मामला व हिमुडा में जमीन की खरीदफरोख्त के मामले में भी सरकार की फजीहत हो चुकी है। 

पुलिस भर्ती के साथ माननीय उच्च न्यायालय ने पटवारी भर्ती परीक्षा पर सीबीआई जांच के निर्देश दिए हैं, जिससे दाल में कुछ काला लग रहा है।उन्होंने कहा कि जनता के बीच पारदर्शिता से काम करने का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार पर्दे के पीछे भ्रष्ट अधिकारियों को पूरी शह दे रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार पाक साफ है तो इस मामले को सी.बी.आई. को सौंपकर अपने दाग धोए क्योंकि सरकार के दामन पर 2 साल के कार्यकाल में ही दाग पर दाग लग रहे हैं जिससे शांतिप्रिय प्रदेश की छवि पूरे देश में खराब हो रही है।

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