Edited By kirti, Updated: 10 Aug, 2018 03:34 PM
सरकारी आदेश और नियम कई बार ऐसे होते हैं कि उनका चाहते हुए भी पालन करना लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है। नदियों और खड्डों से 25 मीटर दूर आशियाना सजाने के सरकारी आदेश हैं। कई लोगों की मिलकीयत जमीन नदी और खड्ड के किनारे ही है। इन लोगों के पास किसी और...
कुल्लू : सरकारी आदेश और नियम कई बार ऐसे होते हैं कि उनका चाहते हुए भी पालन करना लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है। नदियों और खड्डों से 25 मीटर दूर आशियाना सजाने के सरकारी आदेश हैं। कई लोगों की मिलकीयत जमीन नदी और खड्ड के किनारे ही है। इन लोगों के पास किसी और जगह कोई जमीन भी नहीं है। इसलिए नदी किनारे ही आशियाना सजाना इनकी मजबूरी है। हालांकि इन लोगों के मन में भी बाढ़ का खौफ रहता है। भयंकर बारिश में जब नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ जाता है तो इनकी रातों की नींद उड़ जाती है। कई बार पूरी-पूरी रात ये लोग जागते हुए बिताते हैं।
नालों का जलस्तर कई बार इस कद्र उछल जाता है कि इनके बरामदे तक पानी आ जाता है। ऐसे में इन लोगों को बच्चों सहित बारिश में खड़े होकर रात बितानी पड़ती है या पड़ोसियों के यहां शरण लेनी पड़ती है। हालांकि बरसात में बाढ़ आदि से निपटने के लिए प्रशासन तैयार रहने का दावा कर रहा है लेकिन कई धरातल पर तैयारियों का असर घटना के बाद नजर आ रहा है। इन दिनों कुल्लू में जगह-जगह बादल फटने और बाढ़ आने की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में लोगों में अफरा-तफरी का माहौल है। मुश्किल में वे लोग भी हैं जिनकी जमीन ही नदी व खड्ड के किनारे है। कई जगह तो ऐसे मकानों के साथ खड्ड की ओर कोई सुरक्षा दीवार भी नहीं लगी हुई है।