Edited By Vijay, Updated: 07 Jan, 2021 11:06 PM
दून निर्वाचन क्षेत्र की लेही पंचायत के निर्विरोध निर्वाचित होने पर उत्साहित समर्थकों ने पहले पति को ही नवनिर्वाचित उपप्रधान व वार्डों सदस्यों के साथ मालाएं पहना दीं। इसके लिए नवनिर्वाचित प्रधान का भी इंतजार नहीं किया और सोशल मीडिया पर निर्विरोध...
सोलन (नरेश पाल): दून निर्वाचन क्षेत्र की लेही पंचायत के निर्विरोध निर्वाचित होने पर उत्साहित समर्थकों ने पहले पति को ही नवनिर्वाचित उपप्रधान व वार्डों सदस्यों के साथ मालाएं पहना दीं। इसके लिए नवनिर्वाचित प्रधान का भी इंतजार नहीं किया और सोशल मीडिया पर निर्विरोध निर्वाचित हुए पैनल के साथ समर्थकों की फोटो भी अपलोड कर दी। हालांकि बाद वे भी वहां पहुंच गई थीं लेकिन तब तक सोशल मीडिया पर यह फोटो वायरल हो गई थी। सबसे बड़ी बात यह है कि इस फोटो में दून के विधायक परमजीत पम्मी भी विजयी पैनल के साथ खड़े हुए हैं। फेसबुक पर अपलोड इस फोटो की कैप्शन में लिखा गया है कि लेही ग्राम पंचायत से कृष्णा ठाकुर निर्विरोध प्रधान बनीं लेकिन इसमें नवनिर्वाचित प्रधान कहीं नजर नहीं आ रही हैं। जिन लोगों के गले में मालाएं हैं उनमें नवनिर्वाचित प्रधान के पति और नवनिर्वाचित उपप्रधान सहित अन्य नेता हैं।
हुआ यूं कि बुधवार को पंचायतों में नामांकन पत्र वापस लिए जाने थे। विधायक की गृह पंचायत से प्रधान पद के लिए 12 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र भरे हुए थे जबकि उपप्रधान के लिए 5 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र भरे हुए थे। सर्वसम्मति बनना आसान नहीं लग रहा था लेकिन विधायक अपनी पंचायत को निर्विरोध पंचायत निर्वाचित करने में सफल हो गए। कृष्णा ठाकुर प्रधान, दिनेश चौधरी उपप्रधान व 7 वार्ड सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो गए। लेही पंचायत के पूर्व उपप्रधान योगराज ठाकुर (नवनिर्वाचित प्रधान के पति) ने बताया कि जैसे ही पंचायत निॢवरोध निर्वाचित हुई तो लोगों ने नवनिर्वाचित पैनल को मालाएं पहनाकर जीत की बधाई दी। नवनिर्वाचित प्रधान थोड़ी देर में वहां पर पहुंचीं। उस दौरान बहुत सारी फोटो खींची गईं। अब पता नहीं कौन-सी फोटो में वे वहां पर मौजूद नहीं थीं। हालांकि विधायक की पंचायत के पूरे नवनिर्वाचित पैनल के साथ कई फोटो हैं।
पहले पति अब पत्नियां आमने-सामने
जिला सोलन के एक जिला परिषद वार्ड में पतियों के बाद अब पत्नियां चुनावी मैदान में आमने-सामने आ गई हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि एक को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया हुआ है जबकि दूसरी निर्दलीय ही मैदान में उतर गई हैं। वर्ष 2010 में जब पति भी आमने-सामने थे तब भी यही स्थिति थी। पार्टी ने इस वार्ड से जिसे आज अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया है वर्ष 2010 में भी पार्टी ने उनके पति को ही प्रत्याशी बनाया था। जिसको वर्ष 2010 में निर्दलीय चुनाव लडऩा पड़ा था आज उनकी पत्नी को भी निर्दलीय चुनाव लडऩा पड़ रहा है।
वर्ष 2010 में तीसरा उम्मीदवार ही मार गया था बाजी
ऐसा नहीं है कि इस वार्ड में मुकाबला उनके बीच में है। वर्ष 2010 में दोनों को हार का सामना करना पड़ा था और तीसरा उम्मीदवार ही बाजी मार गया था। इस वार्ड से तीनों प्रत्याशियों के पास पंचायत चुनाव का अनुभव है। एक पूर्व में जहां पंचायत प्रधान रही हैं वहीं दूसरी पूर्व में जिला परिषद सदस्य रही हैं। तीसरी उम्मीदवार के पास लगातार 2 बार पंचायत प्रधान के साथ बीडीसी सदस्य का भी अनुभव है। इसे 2 परिवारों के बीच चल रही राजनीतिक वर्चस्व की जंग से भी जोड़कर देखा जा रहा है। इस वार्ड के चुनावी परिणाम पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।