Edited By prashant sharma, Updated: 17 Jul, 2020 03:58 PM
नगर परिषद नाहन ने सीएलसी के तहत रखें 18 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। कर्मियों का आरोप हैं कोरोना काल मे भी बिना अवकाश बेहतरीन सेवाएं देने के बाद भी नप ने उन्हें बिना नोटिस दिए बेरोजगार कर दिया हैं।
नाहन (सतीश शर्मा) : नगर परिषद नाहन ने सीएलसी के तहत रखें 18 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। कर्मियों का आरोप हैं कोरोना काल मे भी बिना अवकाश बेहतरीन सेवाएं देने के बाद भी नप ने उन्हें बिना नोटिस दिए बेरोजगार कर दिया हैं। जिसके बाद अब उन्हें अपने परिवार के पालन पोषण की चिंता सता रही हैं ।
नगर परिषद नाहन ने करीब 3 साल पहले शहर में साफ सफाई व्यवस्था सुदृढ करने के लिए सीएलसी के तहत 80 कर्मियों को रखा था। जिनमें से अब छटनी के तहत 18 कर्मियों को काम से निकाल दिया हैं। कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि कोरोना काल में उन्होंने बेहतरीन कार्य किया है तो उन्हें कोई सम्मान दिया जाएगा मगर नगर परिषद ने उन्हें बर्खास्तगी के आदेश थमा दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान उन्होंने सफाई व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई रोजाना जान जोखिम में डाल अपनी सेवाएं दी और उसकी एवज में नगर परिषद ने उन्हें हटाने का इनाम दिया। नगर परिषद का तर्क हैं कि निकाले गए कर्मचारी समय पर काम पर नहीं आते हैं साथ ही कुछ ऐसे भी कर्मचारी है जो बिना बताए छुट्टी पर रहते थे। ऐसे में उन्हें शिकायत के आधार पर निकाला गया।
उधर कांग्रेस नगर परिषद द्वारा निकाले गए कर्मचारियों के समर्थन में उतर गई है। प्रदेश कांग्रेस के महासचिव अजय सोलंकी ने बताया कि कोरोना काल में बेहतरीन सेवाएं देने वाले सफाई कर्मचारियों को हटाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बारे में अधिकारियों से बातचीत चल रही है।यदि इनको दोबारा परिषद द्वारा नियुक्त किया गया तो कांग्रेस लगातार इनके समर्थन में डटी रहेंगी और जरूरत पड़ी तो के समर्थन में आंदोलन किया जाएगा। कुल मिलाकर नगर परिषद पर यहां सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं आखिर क्यों बिना नोटिस के इन कर्मचारियों को काम से निकाला गया और वह भी ऐसे समय में जब इन्होंने मुश्किल घड़ी में अपनी सेवाएं दी है।