देवभूमि में हजारों बुनकरों को झेलनी पड़ रही GST की मार

Edited By Ekta, Updated: 12 Dec, 2018 12:41 PM

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भले ही केंद्र व प्रदेश सरकार के द्वारा हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, परन्तु देवभूमि में बुनकरों को जी.एस.टी. की मार झेलनी पड़ रही है जिसके कारण हथकरघा उद्योग से जुड़े हजारों बुनकरों को नुक्सान हो रहा है। अब बुनकरों...

कुल्लू (ब्यूरो): भले ही केंद्र व प्रदेश सरकार के द्वारा हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, परन्तु देवभूमि में बुनकरों को जी.एस.टी. की मार झेलनी पड़ रही है जिसके कारण हथकरघा उद्योग से जुड़े हजारों बुनकरों को नुक्सान हो रहा है। अब बुनकरों ने सांसद रामस्वरूप शर्मा से मांग की है कि हथकरघा उद्योग में जी.एस.टी. को खत्म किया जाए और प्रदेश में बुनकरों को हो रहे नुक्सान को रोका जाए, नहीं तो आने वाले समय में हथकरघा उद्योग हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा। एक तरफ जहां पावरलूम में बन रहे उत्पादों के कारण ने हथकरघा उद्योग के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। दूसरी तरफ पावरलूम में बने उत्पाद बाजार में सस्ते दामों पर बिक रहे हैं, जिससे हथकरघा उद्योग में उत्पाद के लिए लेबर महंगी होने से उत्पाद महंगा होने से बिक्री कम हो रही है। दूसरी तरफ जी.एस.टी. के कारण बुनकरों को नुक्सान झेलना पड़ रहा है, जिससे ग्राहकों को पावरलूम से बना उत्पाद सस्ता होने से फायदा मिल रहा है। 

हैडलूम हैंडी क्राफ्ट में केंद्र सरकार ने 1000 रुपए तक के उत्पाद पर 5 प्रतिशत जी.एस.टी. लिया जा रहा है और 1000 से अधिक उत्पाद पर 12 प्रतिशत जी.एस.टी. लिया जा रहा है, जिससे प्रदेश के हजारों बुनकरों को नुक्सान उठाना पड़ रहा है। बनुकर चंदे राम ने कहा कि केंद्र सरकार ने जब से हथकारघा उद्योग पर जी.एस.टी. लगाया है देवभूमि के हजारों बुनकरों को उत्पाद बेचने के लिए दूसरे जिला व राज्यों में लगने वाली प्रदर्शनियों में उत्पाद बेचने के लिए दिक्कतें आ रही हैं और जिन छोटे व्यापारियों के पास जी.एस.टी. नंबर नहीं है, उनको बिचौलियों के पास सामान बेचना पड़ रहा है। जिससे बनुकरों को नुक्सान हो रहा है। उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों के पास जी.एस.टी. के कारण ई-वे बिल नहीं बना सकते जिसके कारण दूसरे जिला व राज्यों में सामान नहीं बेच सकते हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार हथकरघा उद्योग पर जी.एस.टी. खत्म करे जिससे बुनकर व छोटा व्यापारी सीधे ग्राहक को सामान बेचें और उनको लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. खत्म होने से बुनकर सीधे ग्राहक को सामान बेचेगा और बिचौलियों से भी छुटकारा मिलेगा और दूसरे जिला व राज्यों में लगने बाली खादीग्रामों उद्योग व गांधी शिल्प बाजार में बनुकर व छोटा व्यापारी सीधे उत्पाद बेचकर लाभ कमा सकेगा। जिला परिषद सदस्य प्रेमलता ठाकुर ने सांसद रामस्वरूप शर्मा से मांग की है कि हथकरघा उद्योग में तैयार होने वाली वस्तुओं पर जी.एस.टी. खत्म किया जाए। जिससे प्रदेश के हजारों लोगों को हो रहे नुक्सान को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार हथकरघा उद्योग को बढ़ावा दे रहे हैं अगर जी.एस.टी. फ्री किया जाएगा तो हथकरघा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और हथकरघा उद्योग भी बचा रहेगा और बुनकरों को भी लाभ मिलेगा।



 

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