Edited By Vijay, Updated: 23 Apr, 2018 01:45 AM
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ में वर्चस्व की जंग शुरू हो गई है। सोलन कर्मचारी राजनीति का अखाड़ा बनता जा रहा है क्योंकि महासंघ के दोनों बड़े नेता सुरेन्द्र ठाकुर व विनोद कुमार का ताल्लुक इसी जिला से है।
सोलन: हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ में वर्चस्व की जंग शुरू हो गई है। सोलन कर्मचारी राजनीति का अखाड़ा बनता जा रहा है क्योंकि महासंघ के दोनों बड़े नेता सुरेन्द्र ठाकुर व विनोद कुमार का ताल्लुक इसी जिला से है। इसके कारण कर्मचारी वर्ग 2 गुटों में बंट गया है। महासंघ (विनोद गुट) के जिला, शहरी व ब्लॉक यूनिट के चुनाव करवाने के बाद सुरेन्द्र गुट ने भी जिला सोलन में चुनाव करवाने शुरू कर दिए हैं। जिला में कई इकाइयों का गठन करने के बाद सुरेन्द्र गुट ने 25 अप्रैल को शहरी इकाई के चुनाव करवाने का ऐलान कर दिया है।
विनोद गुट भी हुआ आक्रामक
इस ऐलान के बाद विनोद गुट भी अब आक्रामक हो गया है। विनोद गुट ने इन चुनाव को आलोकतांत्रिक करार देते हुए कर्मचारियों को बांटने का आरोप लगाया है तथा कहा कि असंवैधानिक तरीके से चुनाव व पैराशूटी नेताओं को कर्मचारी कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे। गुट का तो यहां तक कहना है कि खंड स्तर पर एक विशेष विभाग के कर्मचारियों की कार्यकारिणी का गठन कर जिला के कर्मचारियों को गुमराह नहीं किया जा सकता ।
विनोद गुट द्वारा करवाए चुनाव असंवैधानिक
दूसरी ओर सुरेन्द्र गुट का भी कहना है कि विनोद गुट द्वारा करवाए गए चुनाव भी असंवैधानिक हैं। इस गुट ने तो एक विशेष विभाग को ही तरजीह दी है और अन्य विभागों के कर्मचारियों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है।
महासंघ के किसी भी गुट को नहीं मिली है मान्यता
सोलन महासंघ में शुरू हुई इस जंग के कारण कर्मचारी हित बौने साबित होने लगे हैं। मजेदार बात यह है कि प्रदेश सरकार ने महासंघ के किसी भी गुट को मान्यता प्रदान नहीं की है लेकिन दोनों गुट अपने को ही असली बताने में ही लगे हुए हैं।