Edited By kirti, Updated: 19 Jul, 2018 02:07 PM
शहरी क्षेत्र में करीब आधा दर्जन निजी अल्ट्रासाउंड क्लीनिक मोटी कमाई कर रहे हैं। इनके पास रेडियोलॉजी विषय में कोई प्रमाणित शिक्षा नहीं है। पांवटा साहिब सिविल अस्पताल की ओ.पी.डी. में रोजाना करीब 600 से 700 रोगी आते हैं। इनमें गर्भवती महिलाओं की संख्या...
पांवटा साहिब : शहरी क्षेत्र में करीब आधा दर्जन निजी अल्ट्रासाउंड क्लीनिक मोटी कमाई कर रहे हैं। इनके पास रेडियोलॉजी विषय में कोई प्रमाणित शिक्षा नहीं है। पांवटा साहिब सिविल अस्पताल की ओ.पी.डी. में रोजाना करीब 600 से 700 रोगी आते हैं। इनमें गर्भवती महिलाओं की संख्या ज्यादा रहती है। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन तो है लेकिन विशेषज्ञ डाक्टर एक वर्ष से न हाने पर अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहे हैं। इस कारण महिलाओं को निजी क्लीनिकों में धक्के खाने पड़ रहे हैं। यहां रोगियों से 800 से 1000 रुपए तक अल्ट्रासाउंड के लिए लिए जा रहे हैं। लोगों ने सरकार व स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि सरकारी अस्पतालों में तैनात डाक्टरों को भी अल्ट्रासाउंड का प्रशिक्षण दिया जाए।
सी.एम.ओ. सिरमौर डा. संजय शर्मा ने बताया कि पांवटा शहर में व जिला के अन्य स्थानों में चल रहे निजी अल्ट्रासाउंड क्लीनिक संचालकों के लिए सरकार ने शार्ट टर्म ट्रेनिंग की योजना वर्ष 2014 से पहले बना कर लागू की थी। इसके अंतर्गत इन्होंने यहां से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। 2014 के बाद सरकार ने यह योजना बंद कर दी है। इसके चलते विभाग अपने चिकित्सकों को ऐसी ट्रेनिंग करवाने में असमर्थ है। इसके लिए विभाग के उच्च अधिकारियों से लिखित रूप से आग्रह किया जाएगा कि सरकार से इस ट्रेनिंग को फिर से शुरू करवाने के लिए पत्राचार करें।