शिव भोले की नगरी में हुई 10 हजार अखरोटों की बारिश, जानिए क्या है मान्यता

Edited By Vijay, Updated: 10 Nov, 2019 04:00 PM

walnut rain in shiva temple

रविवार को ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में बैकुंठ चौदस के अवसर पर अखरोटों की बारिश हुई। पुजारियों ने पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के ऊपर से करीब 10 हजार अखरोटों की बारिश की। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग अखरोट पकडऩे के लिए मंदिर में एकत्र हुए, जिन्हें वे...

बैजनाथ: रविवार को ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में बैकुंठ चौदस के अवसर पर अखरोटों की बारिश हुई। पुजारियों ने पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के ऊपर से करीब 10 हजार अखरोटों की बारिश की। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग अखरोट पकडऩे के लिए मंदिर में एकत्र हुए, जिन्हें वे प्रसाद के रूप में घर लेकर जाते हैं और यह शुभ संकेत माना जाता है। बैजनाथ के शिव मंदिर में प्रतिवर्ष यह आयोजन किया जाता है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि बैकुंठ चौदस पर अखरोटों की बारिश का आयोजन केवल बैजनाथ के शिव मंदिर में ही किया जाता है। इस त्यौहार की गरिमा दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।
PunjabKesari, Shiva Temple Image

इसलिए की जाती है अखरोटों की बारिश

पौराणिक कथाओं के अनुसार शंखासुर नामक राक्षस ने देवताओं का राजपाठ छीन लिया था। शंखासुर इंद्र के शासन पर विराजमान होकर राज करने लगा था, जिससे भयभीत होकर समस्त देवता गुफा में रहने के लिए मजबूर हो गए। देवता सहायता के लिए भगवान ब्रह्मा के पास गए। तब ब्रह्मा ने सुप्त शैया में सोए भगवान विष्णु से देवताओं की सहायता करने का आग्रह किया। भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण करके शंखासुर राक्षस का वध करके देवताओं को राजपाठ वापस दिलाया। इसी खुशी में मंदिर में अखरोटों की बारिश का आयोजन होता है।

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