Edited By Simpy Khanna, Updated: 05 Aug, 2019 01:28 PM
आई.पी.एच. और बिजली बोर्ड के बीच समन्वय की कमी का खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ा। आई.पी.एच. व बिजली बोर्ड के बीच तालमेल की कमी और समयबद्ध तरीके से काम न निपटाने को लेकर ग्रामीणों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा था। यह मामला पंजावर में सामने आया है।
ऊना (विशाल): आई.पी.एच. और बिजली बोर्ड के बीच समन्वय की कमी का खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ा। आई.पी.एच. व बिजली बोर्ड के बीच तालमेल की कमी और समयबद्ध तरीके से काम न निपटाने को लेकर ग्रामीणों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा था। यह मामला पंजावर में सामने आया है। यहां पिछले एक सप्ताह से विद्युत बोर्ड का ट्रांसफार्मर तकनीकी खराबी से जूझ रहा था, जिसके चलते आई.पी.एच. विभाग की रिग को बिजली सप्लाई नहीं मिल पा रही है और दर्जनों परिवारों की पेयजल सप्लाई बाधित हो गई थी। लोगों को पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा था। रविवार को करीब 7 दिन बाद ट्रांसफार्मर को ठीक किया गया जिसके बाद विद्युत आपूर्ति चालू हुई।
6 दिन से नहीं आ रहा पानी
पंजावर गांव के वार्ड नंबर 5 में एक सप्ताह तक पेयजल संकट बना रहा। यहां आई.पी.एच. द्वारा पेयजल सप्लाई प्रभावित रही और पिछले 6 दिनों से नलों में पानी नहीं टपका। घरों की छतों पर रखी पानी की टंकियां भी खाली हो चुकी हैं और लोगों को पेयजल सहित अन्य रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पानी लेने के लिए ट्यूबवैलों का सहारा लेना पड़ रहा है। रविवार शाम के समय पेयजल सप्लाई शुरू हो पाई।
दूर से भरकर लाना पड़ रहा पानी
ग्रामीणों जगदीश, राजीव, पवन, बलवीर, संजीव, हरकेश, सुषमा व सुदेश सहित अन्य ने कहा कि पिछले करीब एक सप्ताह से पेयजल सप्लाई ठप्प है। पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में भी पानी नहीं आ रहा है और दूर-दूर से पानी भरकर लाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने विभाग से जल्द से जल्द पानी की समस्या को हल करवाने की मांग उठाई है।
नया ट्रांसफार्मर रखने में अड़ंगा
आई.पी.एच. की मानें तो अधिकारियों द्वारा विद्युत बोर्ड से इस फाल्ट को ठीक करने के लिए कहा गया है, वहीं विद्युत बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि बारिश के चलते कुछ देरी हुई है और अब रविवार को इसका फाल्ट ठीक करने का काम किया जा रहा है। बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि यहां नया ट्रांसफार्मर रखने के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन ट्रांसफार्मर को सही जगह तक पहुंचाने के लिए कई लोगों की जमीन से होकर ट्रैक्टर को गुजरना पड़ेगा और कुछ लोग जमीन से ट्रैक्टर नहीं गुजरने दे रहे। ऐसे में पुराने ट्रांसफार्मर को ही ठीक करने के प्रयास किए गए।