सहकारी बैंकों में अनियमितताओं के मामले में विजीलैंस दर्ज करेगी FIR

Edited By Vijay, Updated: 02 Jan, 2019 10:19 PM

vigilance will filed fir against co operative banks in cases of irregularities

पूर्व सरकार के कार्यकाल में सहकारी बैंकों के तहत बरती गई अनियमितताओं को लेकर विजीलैंस एफ.आई.आर. दर्ज करेगी। हाल ही में स्टेट विजीलैंस ने एफ.आई.आर. दर्ज करने की अनुमति मांगी थी, जिसके तहत सरकार ने सूत्रों के अनुसार मामला दर्ज करने की अनुमति दे दी है,...

शिमला: पूर्व सरकार के कार्यकाल में सहकारी बैंकों के तहत बरती गई अनियमितताओं को लेकर विजीलैंस एफ.आई.आर. दर्ज करेगी। हाल ही में स्टेट विजीलैंस ने एफ.आई.आर. दर्ज करने की अनुमति मांगी थी, जिसके तहत सरकार ने सूत्रों के अनुसार मामला दर्ज करने की अनुमति दे दी है, ऐसे में अब विजीलैंस एफ.आई.आर. दर्ज कर नियमानुसार आगामी कार्रवाई अमल में लाएगी। इससे कई चेहरों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। राज्य की जयराम सरकार ने सत्ता संभालने के कुछ माह बाद कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हिमाचल के 3 सहकारी बैंकों में हुई भर्तियों और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच विजीलैंस को सौंपने के आदेश जारी किए थे। भाजपा का आरोप था कि भर्तियों में भाई-भतीजावाद हावी रहा और चेहतों को रेवडिय़ों की तरह नौकरी बांट दी गई। इसी कड़ी में प्रारंभिक जांच के दौरान कई तथ्य सामने आए हैं।

कर्ज आबंटन के मामलों में जानबूझ कर की नियमों की अनदेखी

विजीलैंस जांच में सामने आ रहा है कि बैंक ने कर्ज आबंटन के मामलों में जानबूझ कर नियमों की अनदेखी की, बल्कि ऋण देने के लिए तैयार किए दस्तावेजों में भी हेरा-फेरी कर दी। यही नहीं जांच में ये भी उभर कर आ रहा है कि बैंक प्रबंधन राज्य से बाहर की लाखों की संपत्ति का मूल्यांकन करोड़ों रुपए में कर दिया और संपत्तियों को अपने पास गिरवी रखकर ऋण स्वीकृत कर दिए। अब बैंक को अपनी राशि वसूलना टेढ़ी खीर हो गया है। बैंक के नियमों के तहत ऋण देने के लिए राज्य से बाहर किसी भी संपत्ति को मॉटगेज नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद बैंक प्रबंधन ने बाहरी राज्यों में स्थित संपत्तियों के नाम पर ऋण दिया। इतना ही नहीं संपत्ति का मूल्यांकन भी करोड़ों में कर दिया गया।

खंगाला जा चुका भर्तियों का रिकॉर्ड

विजीलैंस बैंकों में हुई भर्तियों का भी रिकॉर्ड खंगाल चुकी है। भाजपा ने पूर्व कांग्रेस सरकार पर बैंक में हुई भर्तियों के तहत चहेतों को लाभ पहुंचाने का भी आरोप लगाया गया है। सूत्रों की मानें तो जांच एजैंसी जल्द ही एफ.आई.आर. दर्ज कर उन तत्कालीन अधिकारियों व कर्मचारियों को पूछताछ के लिए तलब करने की तैयारियों में है, जिन्होंने ऋण देने के लिए तैयार किए जाने वाले दस्तावेजों में जानबूझ कर हेरा-फेरी की है।

बीवरेज कार्पाेरेशन केस में भी दर्ज होगी एफ.आई.आर.

बहुचर्चित बीवरेज कार्पाेरेशन मामले की जांच भी पूरी हो गई है। इसी मामले में विजीलैंस जल्द एफ.आई.आर. दर्ज करेगी। सरकार द्वारा भी जांच एजैंसी को एफ.आई.आर. दर्ज करने की अनुमति दिए जाने की सूचना है। पूर्व सरकार से जुड़े इस मामले में नेताओं के साथ-साथ कुछ तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में है, ऐसे में आने वाले समय में आबकारी एवं कराधान विभाग के कुछ तत्कालीन अधिकारियों पर शिकंजा भी कस सकता है। वर्तमान सरकार ने इस कार्पोरेशन को खत्म कर दिया है।

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