विद्या स्टोक्स ने BJP पर साधा निशाना, कहा- पार्टी के 5 विधायक हो-हल्ला करने में माहिर

Edited By Punjab Kesari, Updated: 04 Jul, 2017 09:30 AM

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89 वर्ष की आयु में भी विद्या स्टोक्स राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हैं और हिमाचल की राजनीति में उनका अपना एक अलग रुतबा है।

89 वर्ष की आयु में भी विद्या स्टोक्स राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हैं और हिमाचल की राजनीति में उनका अपना एक अलग रुतबा है। प्रदेश की राजनीति में वह एकमात्र महिला नेत्री हैं जो 8 बार जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंच चुकी हैं। स्व. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से प्रभावित होकर उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा था तथा उसके बाद राजनीति में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कांग्रेस नेत्री स्टोक्स राजनीति के साथ-साथ खेलों से भी जुड़ी रहीं। वह एशियाई हॉकी अनुशासन समिति की चेयरमैन रहने के साथ-साथ भारतीय महिला हॉकी महासंघ की 4 बार अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। इसके साथ ही एशियाई हॉकी फैडरेशन की वाइस चेयरमैन सहित अन्य पदों पर भी वह आसीन रह चुकी हैं। वर्ष 1974 के उपचुनाव में जीत दर्ज कर वह पहली बार विधानसभा पहुंची थीं। विद्या स्टोक्स हिमाचल प्रदेश विधानसभा की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। विद्या स्टोक्स का कहना है कि वह राजनीति में लोगों की सेवा करने के लिए आई हैं और इस दिशा में लगातार सक्रिय हैं। मंत्री विद्या स्टोक्स से हमारे पंकज राक्टा की हुई विशेष बातचीत में उन्होंने कई तीखे सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के  प्रमुख अंश..


क्या कांग्रेस को वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में विस चुनाव लड़ने चाहिए?
वीरभद्र सिंह की जनता के बीच अच्छी पैठ है और वह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। निश्चित तौर पर आगामी विधानसभा चुनाव वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में ही लड़े जाने चाहिए। ऐसा निर्णय पार्टी हित में ही रहेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए बेहतर कार्य किया है। 


भाजपा क्या विपक्ष की भूमिका निभाने में सफल रही है?
राज्य में भाजपा विपक्ष की भूमिका तो निभा ही नहीं पाई है। भाजपा के 5 विधायक तो ऐसे हैं जो बेवजह हल्ला करने में माहिर हैं और उनकी जनहित के मुद्दे उठाने में कोई दिलचस्पी नहीं है इसलिए वे मुख्यमंत्री पर निशाना साधकर सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं।


क्या आप इस बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगी?
चुनाव लड़ना है या नहीं, इसको लेकर मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगी। समय आने पर इस बारे स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी। मैंने सत्ता और संगठन में विभिन्न पदों पर रहते हुए पार्टी को सशक्त करने का हरसंभव प्रयास किया है और भविष्य में भी ऐसे प्रयास जारी रहेंगे।


सी.एम.-कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के बीच चल रही तनातनी पर आपका क्या कहना है?
वीरभद्र सिंह सरकार और ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू संगठन को बेहतर तरीके से चला रहे हैं। कुछ नेता और पदाधिकारी जानबूझ कर दोनों के बीच मतभेद पैदा करके कांग्रेस को कमजोर करना चाहते हैं। दोनों के बीच किसी तरह का मतभेद नहीं है तथा सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल है। सुक्खू युवा नेता हैं और उन्हें पार्टी हाईकमान ने सोच-समझ कर ही पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है। वह पार्टी के अग्रणी संगठनों में भी सक्रिय रहे हैं।


मुख्यमंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर आपका क्या कहना है? 
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को जानबूझ कर भाजपा के कुछ नेता बदनाम करना चाहते हैं। इसी के चलते उन पर निराधार आरोप लगाकर मामले बनाए गए हैं। अदालत में विचाराधीन मामलों पर विपक्ष का हल्ला करना सही नहीं है।


इटली से आयातित सेब के पौधों में वायरस के आरोपों में कितनी सच्चाई है?
जुब्बल-कोटखाई के कुछ भाजपाई निजी स्वार्थ के चलते सेब के पौधों में वायरस होने का आरोप लगा रहे हैं। ये वही नेता हैं जो खुद इन पौधों को भी खरीदना चाहते थे। हमने पौधों की खरीद में पूरी पारदर्शिता बरती है और सेब के पौधों में किसी तरह का वायरस नहीं पाया गया है।


आगामी चुनाव को लेकर आपके विस क्षेत्र के पार्टी महासचिव टिकट की दावेदारी जता रहे हैं, क्या कहेंगी?
ऐसे नेताओं से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। ये वही नेता हैं जिनको मैं खुद राजनीति में लेकर आई थी। उन्होंने इसका गलत फायदा उठाया और ओछे हथकंडे भी अपनाए। ये नेता अब मुख्यमंत्री के पीछे लगकर अपने हितों को साधना चाहते हैं।


केंद्र में सत्ता परिवर्तन से हिमाचल को कितना लाभ हुआ?
केंद्र में सत्ता परिवर्तन के बाद हिमाचल प्रदेश को मिलने वाली उदार वित्तीय मदद में कट लग गया। सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं के लिए मिलने वाले धन को रोक दिया गया। स्वां नदी तटीयकरण योजना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। इसके बावजूद राज्य सरकार  ने अपने संसाधनों से योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का प्रयास किया है। केंद्र सरकार के नेता जो बोलते हैं, वह करते नहीं हैं। वे सिर्फ जुमलेबाजी कर जनता को गुमराह करने में माहिर हैं।


क्या कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी?
कांग्रेस निश्चित तौर पर प्रदेश की सत्ता में वापसी करेगी। हमारी सरकार ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विकास किया है और विकास के मुद्दे पर ही कांग्रेस लोगों से वोट मांगेगी। भाजपा झूठ की राजनीति करती है और जनता यह जानती है।


केंद्र में जे.पी. नड्डा के मंत्री बनने से प्रदेश को कितना लाभ हुआ?
केंद्रीय मंत्री नड्डा व्यक्तिगत तौर पर मुझे बड़ा सम्मान देते हैं। केंद्र में उनके मंत्री बनने के बाद हिमाचल को लेकर घोषणाएं तो बहुत हुई हैं लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ है क्योंकि विकास कार्यों और प्रोजैक्टों को सिरे चढ़ाने के लिए धन की आवश्यकता भी होती है।


शिमला नगर निगम चुनाव में पार्टी की हार के क्या कारण रहे?
शिमला नगर निगम चुनाव में कुछ कमियां रही हैं। पार्टी स्तर पर इसकी समीक्षा की जा रही है। इस चुनाव को विस चुनाव से जोड़कर देखना गलत है।  


एंटी हेलगन के बदले एंटी हेल नैट को क्यों तवज्जो दे रही सरकार?
एंटी हेलगन को कई देशों में असफल पाया गया है। हिमाचल में भी इसके परिणाम आशा के अनुकूल नहीं रहे इसलिए हमने एंटी हेलगन के बदले एंटी हेल नैट को तवज्जो दी है। हेलगन को लेकर सिर्फ एक ही भाजपा नेता सियासत कर रहे हैं।


भाजपा को अपनी परिवर्तन रथयात्रा से कितना लाभ मिलेगा।
रथयात्राओं को करने से सत्ता नहीं मिलती। सत्ता में आने के लिए विकास कार्य करने के साथ जनता का विश्वास जीतना पड़ता है। रथयात्रा में केंद्रीय नेताओं को लाकर भाजपा अपने पक्ष में चुनावी माहौल बनाना चाहती है लेकिन विपक्ष को लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा है।

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