Edited By kirti, Updated: 30 Jun, 2018 12:16 PM
प्रदेश सरकार एक तरफ जहां जिला के लोगों को पैंशन से लेकर गृह निर्माण तक की सुविधाएं मुहैया करवा रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी विभागों में रिक्त चल रहे पदों को भरने का नाम नहीं ले रही। सरकारी विभागों में रिक्त चल रहे पदों के चलते लोगों को
धर्मशाला (पूजा): प्रदेश सरकार एक तरफ जहां जिला के लोगों को पैंशन से लेकर गृह निर्माण तक की सुविधाएं मुहैया करवा रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी विभागों में रिक्त चल रहे पदों को भरने का नाम नहीं ले रही। सरकारी विभागों में रिक्त चल रहे पदों के चलते लोगों को सरकार द्वारा मुहैया करवाई जाने वाली सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। जी हां ये बात जिला कल्याण विभाग की हो रही है। बता दें कि जिला कांगड़ा के कल्याण विभाग कार्यालय धर्मशाला और विभाग के अधीन आने वाले जिला में स्थित अन्य कार्यालयों में स्टाफ की कमी के चलते कर्मचारियों को काम करने में परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। जिला कांगड़ा प्रदेश का सबसे बड़ा होने के कारण स्टाफ की कमी के चलते यहां कार्यरत्त कर्मचारियों को जहां काम का बोझ पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर उनकी मानसिक स्थिति भी खराब हो रही है। जानकारी के अनुसार जिला कल्याण विभाग में पिछले 5 सालों से 37 पद रिक्त चल रहे हैं। इन रिक्त पदों में एक भी पद पिछले 5 सालों में नहीं भरा गया है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो जिला कल्याण विभाग में कर्मचारी ही पूरे नहीं होगें तो विभाग लोगों का कल्याण कैसे करेगा। जिला के मुख्य कार्यालय धर्मशाला के अतिरिक्त पालमपुर, नगरोटा बगवां, कांगड़ा, ज्वाली, देहरा व अन्य स्थानों पर कर्मचारियों के पद रिक्त चल रहे हैं।
ये चल रहे रिक्त पद
जिला कांगड़ा के कल्याण विभाग के विभिन्न कार्यालयों में अनुसंधान अधिकारी का 1 पद जोकि पिछले 5 सालों से रिक्त व तहसील कल्याण अधिकारी के 6 पद, जिला स्तर पर लिपिकों के 4 पद, तहसील स्तर पर लिपिक के 10 पद, दैनिक वेतन भोगी जिला स्तर पर 4 व तहसील स्तर पर दैनिक वेतन भोगी अंशकालिक के 12 पद रिक्त चल रहे हैं। कार्यालय में इन पदों के रिक्त चलने से विभाग वर्तमान में बजट का व्यय करना व लोगों को सामाजिक सुरक्षा पैंशन भेजना भी कठिन हो गया है। जिला कल्याण विभाग में कुछ पद पिछले 5 सालों से रिक्त चल रहे हैं। 37 पद जिला के विभिन्न कार्यालय में रिक्त चल रहे हैं। रिक्त पदों के चलते लोगों को समय पर विभागीय योजनाओं का लाभ देने में देरी हो रही है। रिक्त पदों बारे सरकार व शिमला में भी अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन अभी तक कार्यालयों में एक भी पद नहीं भरा गया है। - आसिम सूद, जिला कल्याण अधिकारी।