Edited By Vijay, Updated: 03 Oct, 2018 03:55 PM
एस.सी./एस.टी. कानून मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पलटना केंद्र सरकार और राजनीतिक दलों के गले की फांस बनता हुआ नजर आ रहा है। इस बदलाव के बाद सवर्ण समाज में सभी राजनीतिक पार्टियों के विरुद्ध आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
ऊना (अमित): एस.सी./एस.टी. कानून मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पलटना केंद्र सरकार और राजनीतिक दलों के गले की फांस बनता हुआ नजर आ रहा है। इस बदलाव के बाद सवर्ण समाज में सभी राजनीतिक पार्टियों के विरुद्ध आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसी नाराजगी को जाहिर करने के लिए सवर्ण समाज विरोध के नित नए तरीके अपना रहा है। इसी कड़ी में ऊना में ब्राह्मण कल्याण सभा ने अनुराग ठाकुर, जे.पी. नड्डा, शांता कुमार, आनंद शर्मा, वीरेंद्र कश्यप और विप्लव ठाकुर की धर्मशांति की विधिवत रस्म किरया कर अपना विरोध प्रदर्शन किया। धर्म शांति के तहत इन सांसदों की माला लगी तस्वीरों के समक्ष बाकायदा दान-दक्षिणा की जाने वाली हर वस्तु चारपाई पर रख उसकी परिक्रमा की गई और पंडित को झुलाया गया। इसके बाद ब्राह्मण सभा के सदस्यों ने भंडारा भी लगाया।
लोकसभा चुनावों में नोटा दबाने की दी चेतावनी
इस कानून के कारण ब्राह्मण कल्याण सभा की नारजगी सभी राजनीतिक पार्टियों के विरुद्ध स्पष्ट नजर आई। कानून रद्द न किए जाने की दिशा में 2019 के लोकसभा चुनावों में ब्राह्मण कल्याण सभा ने किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं किए जाने का दावा किया और नोटा दबाए जाने की चेतावनी दी जबकि इन सवर्ण सांसदों के कार्यक्रम का हर जगह विरोध करने और काले झंडे दिखाने की भी चेतावनी दी।