IIIT के शोधार्थियों की अनूठी एप, एक क्लिक पर नवजात बच्चों के वैक्सीनेशन की जानकारी

Edited By Simpy Khanna, Updated: 27 Nov, 2019 10:13 AM

unique app of iiit researchers

आई.आई.आई.टी. ऊना के शोधार्थियों ने एक ऐसी एप तैयार की है जो नवजात बच्चों के जन्म लेने से ही उनकी पूरी जानकारी अपने पास रखेगी। शोधार्थियों ने इस एप को नागरिक रोग प्रतिरक्षण नाम दिया है जोकि प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के लिए काफी लाभकारी तकनीक सिद्ध हो...

 

हमीरपुर (ब्यूरो): आई.आई.आई.टी. ऊना के शोधार्थियों ने एक ऐसी एप तैयार की है जो नवजात बच्चों के जन्म लेने से ही उनकी पूरी जानकारी अपने पास रखेगी। शोधार्थियों ने इस एप को नागरिक रोग प्रतिरक्षण नाम दिया है जोकि प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के लिए काफी लाभकारी तकनीक सिद्ध हो सकती है। इस एप में नवजात बच्चों के बायोमीट्रिक स्टोर किए जाएंगे व वहीं से बच्चों की संपूर्ण जानकारी इकट्ठी की जाएगी।

इस दौरान अभिभावकों को उनके मोबाइल पर ही बच्चों के वैक्सीनेशन, जरूरी चैकअप व अन्य तमाम जानकारी समय-समय पर मिलती रहेगी। यह संपूर्ण डाटा ऑनलाइन होगा व एप पर किसी भी समय डाटा चैक कर डाक्टर भी जानकारी हासिल कर पाएगा व जरूरत के हिसाब से एप के जरिए ही अभिभावकों को विभिन्न जानकारी के लिए सूचित कर पाएगा। प्रोजैक्ट को 1.06 लाख रुपए की लागत से तैयार किया जा रहा है। प्रोजैक्ट अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही इसे प्रदेश सरकार को भी सौंपा जा सकता है।

बता दें कि वर्तमान समय में यह डाटा मैनुअल तरीके से स्टोर किया जाता है, वहीं अगर यह एप कारगर साबित होती है तो कार्यालय से लेकर फील्ड में काम कर रहे कर्मचारियों को काम करने में काफी लाभ होगा। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि कागजी कार्यप्रणाली से भी छुटकारा मिलेगा व तमाम जानकारी ऑनलाइन ही स्टोर की जा सकेगी जिससे पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। मिली जानकारी के अनुसार उक्त प्रोजैक्ट को बायोटैक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टैंट कौंसिल ने स्पांसर किया है।

कैसे काम करेगी एप

शोधार्थियों से मिली जानकारी के अनुसार इस एप में न्यू बोर्न बेबी का बायोमीट्रिक डाटा ऑनलाइन स्टोर किया जाएगा। इस दौरान बच्चे के हाथ की उंगलियों, पैर की उंगलियों और पंजों के निशान स्कैन करके रिकॉर्ड किए जाएंगे। इसके अलावा बच्चों से जुड़ी तमाम अन्य जानकारी भी इसमें फीड की जाएगी। यह संपूर्ण डाटा ऑनलाइन होगा व एप पर किसी भी समय डाटा चैक कर डाक्टर भी जानकारी हासिल कर पाएंगे व जरूरत के हिसाब से एप के जरिए ही अभिभावकों को विभिन्न जानकारी के लिए सूचित कर पाएंगे।

चिकित्सकों से लेकर अभिभावकों को होगा लाभ

प्रोजैक्ट ट्रिप्पल आई.टी. ऊना के निदेशक एस. सेल्वाकुमार की निगरानी में तैयार किया गया है। इस प्रोजैक्ट के लिए कुल 8 शोधार्थियों ने शोध कार्य में हिस्सा लिया है जिनका साथ फैकल्टी मैंबर असिस्टैंट प्रोफैसर दिव्यांश ठाकुर और सोनाली महाजन ने दिया है, वहीं संस्थान के विद्यार्थी दीपांशु बंसल, राहुल अग्रवाल, शगुन अग्रवाल, प्रज्ञा शर्मा, जे.आर.एफ . दिव्या, दिव्या भारती, पंकज कुमार, शशिकला व पूर्णा जोसेफिन उक्त प्रोजैक्ट को तैयार करने में लगे हैं।

प्रोजैक्ट में संलिप्त शोधार्थियों ने बताया कि उक्त प्रोजैक्ट विभागीय कार्यों में समय की बचत करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी अपना योगदान देगा व कागजी कार्रवाई से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने बताया कि एप की मदद से ही नवजात बच्चों का डाटा बायोमीट्रिक मोड में अस्पतालों में रजिस्टर किया जा सकेगा जिससे डाक्टर और अभिभावकों को भी लाभ मिलेगा। डाक्टर एक क्लिक पर बच्चे का पूरा डाटा जान सकेंगे कि बच्चे को वैक्सीनेशन प्राप्त हुआ है अथवा नहीं। इसके अलावा अभिभावकों को वैक्सीनेशन से जुड़ी हुई जानकारी इस एप के माध्यम से मिल सकेगी।

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